For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल(2122 1212 22 /112 )
आपका इन्तिख़ाब कर डाला
हमने कार-ए-सवाब कर डाला
**
बर्क़-ए-हुस्न-ओ-शबाब चमकी जब
आपको बे-हिज़ाब कर डाला
**
पी मय-ए-चश्म ख़ूब जी भर के
ख़ुद को मस्त-ए-शराब कर डाला
**
छा गई हुस्न की अदा हम पर
मौज़िजा लाजवाब कर डाला
**
लुत्फ़-ए-उल्फ़त मिला है खूब सनम
दिल मगर इज़्तिराब कर डाला
**
आपका अक़्स बन गए, ख़ुद को
इश्क़ में कामयाब कर डाला
**
क़ुर्बतें दे कभी फ़िराक़ कभी
क्या करम बे-हिसाब कर डाला
**
ठहरे ठहरे से मेरे जीवन में
क्या गज़ब इंक़लाब कर डाला
**
आपको पा के हर अधूरा 'तुरंत '
हमने कामिल है ख़्वाब कर डाला
**
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी

"मौलिक व अप्रकाशित" 

शब्दार्थ--इन्तिख़ाब =चयन, कार-ए-सवाब=
पुण्य का कार्य , बर्क़-ए-हुस्न-ओ-शबाब =
सौंदर्य और तरुणाई की बिजली ,मय-ए-चश्म=
आँखों की मदिरा , मस्त-ए-शराब=शराब में धुत ,
मौज़िजा =जादू/चमत्कार ,लुत्फ़-ए-उल्फ़त=
प्रेमानंद ,इज़्तिराब= बैचैन ,क़ुर्बतें=
नज़दीकियां ,फ़िराक़ =विरह ,कामिल=पूर्ण

Views: 385

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on December 1, 2022 at 10:20pm

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर साहेब , आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 1, 2022 at 9:16pm

आ. भाई गिरधारी सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on November 30, 2022 at 6:52pm

Zaif saheb बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Zaif on November 30, 2022 at 6:25pm

बहुत ख़ूब ग़ज़ल, सर जी। सादर।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on November 24, 2022 at 10:53pm

राखी जैन जी , आपकी आनंदित करने वाली सराहना से मन तृप्त हुआ | सृजन सार्थक हुआ | सादर आभार।

Comment by Rakhee jain on November 24, 2022 at 10:42pm

बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल आदरणीय

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on November 24, 2022 at 6:29pm

आदरणीय समर कबीर साहेब , ग़ज़ल पर आपकी नज़रसानी और आपकी हौसला बढ़ाती राय के लिए बहुत बहुत आभार | अवश्य इन पर ग़ौर करूँगा |

Comment by Samar kabeer on November 24, 2022 at 5:29pm

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'छा गई हुस्न की अदा हम पर
मौज़िजा लाजवाब कर डाला'
इस शे'र में 'मौजिज़:' शब्द उचित नहीं,इस पर विचार करें ।
'दिल मगर इज़्तिराब कर डाला'
इस मिसरे का वाक्य विन्यास ठीक नहीं है, देखिएगा ।
'हमने कामिल है ख़्वाब कर डाला'
इस मिसरे का वाक्य विन्यास ठीक नहीं है, देखिएगा ।
उर्दू के कुछ शब्दों में नुक़्ते लगे हैं कुछ में नहीं, देखिएगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service