मंजिले ऊँची बनाना आज की तामीर है ,
इस सदी की दोस्तों कितनी अजब तस्वीर है ...
ये है कंप्यूटर सदी यानि ज़माना है नया ,
कितनी आसानी से बदली जा रही तस्वीर है ...
क्या कटेगी ज़िन्दगी अपनों की मोबाईल बगैर ,
ये हमारे दौर की मुंह बोलती तस्वीर है ...
क्या भला है , क्या बुरा है ये कोई सोचे ज़रा ,
किस क़दर बे -पर्दगी में आज की तस्वीर है ...
अपनी मेहनत का नतीजा देख ले "रिजवान " तू ,
हर तरफ शोहरत तेरी ए-दोस्त आलमगीर है ...
Comment
shukriya
क्या कटेगी ज़िन्दगी अपनों की मोबाईल बगैर ,
ये हमारे दौर की मुंह बोलती तस्वीर है ...
rijwaan ji ,achchhi rachna pr badhai
शुक्रिया..........
बहुत सामायिक रचना आज कल नए नए तकनीकी उपकरण ही लोगों की जिंदगी को चला रहे हैं हर कहीं मशीनीकरण है .बहरहाल बधाई कबूल करें
क्या भला है , क्या बुरा है ये कोई सोचे ज़रा ,
किस क़दर बे -पर्दगी में आज की तस्वीर है ...
rijwaan jee, badhai khoobsoorat prastuti ke liye!
Khiaal achhe hai Rizwan ji !
क्या कटेगी ज़िन्दगी अपनों की मोबाईल बागीर ,
ये हमारे दौर की मुंह बोलती तस्वीर है ...
क्या भला है , क्या बुरा है ये कोई सोचे ज़रा ,
किस क़दर बे -पर्दगी में आज की तस्वीर है ...
सही कहा आप ने अब हम भी मशीन बनते जा रहे हैं अपनापन तो गया ..जय श्री राधे ....भ्रमर ५
सही हम आज तकनीक के हाथ ही जी रहे हैं सुन्दर रचना भाव भूमि प्रशंसनीय है !!
क्या भला है , क्या बुरा है ये कोई सोचे ज़रा ,
किस क़दर बे -पर्दगी में आज की तस्वीर है ...
जी खुश हो गया। एक बेहतरीन रचना पर बधाई स्वीकारें
बहुत सुन्दर आज के jamane की तस्वीर khinchi है. कुछ शब्दों के bhavrth de dete to सरलता होती. बधाई.
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