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प्राची पढने में थोड़ी लेट हो गई बाहर गई थी ...बहुत ही सुन्दर कथ्य और शिल्प से कसी हुई सुन्दर भावों से सुसज्जित कुंडली के लिए ढेरों बधाई
aadarniy prachi ji, sadar.
bhagyshali hain aap ki dono umpiron ne aapko out karar nahi diya. bauhmat hai to third umpire kya kare.
bahut sundar shot
you are not out
kriket.. hiq kaesa laga.
badhai
कुण्डलियों पर आपका प्रयास, डा. प्राची, निखरा हुआ है. कथ्य और भाव दोनों से समृद्ध इस कुण्डलिया के लिये आपको बहुत-बहुत बधाइयाँ.
आँखों में सपने सजा, होंठों पर मुस्कान
साजन औ सजनी चले, प्रेम डगर अंजान|
प्राची जी अति सुंदर भाव ,बधाई
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