For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

त्योहार के हादसे

त्योहार के हादसे

 

 

छठ पूजा के दिन आज,

हुई बड़ी दुर्घटना, कई,

आदमी मरे पटना में,

त्योहार को हुई,फिर ये घटना । 

 

भारत की यह नियमित घटना,

होती है हर साल, कभी यहाँ,

तो कभी वहाँ, कुचले जाते,

हैं लोग प्रार्थना करते-करते ।

 

क्यों निर्दयी है भगवान इतना,

और क्यों है प्रशासन लापरवाह,

खुशी प्रसन्नता की लालसा में,

मिलती है खुद की मौत इन्हें ।

 

कब तक सोयेगी सरकार,

कब तक सोयेंगे अफसर,

जागो, करो काम लगन से,

बंद करो मजाक इंसान से ।

 

रहम करो कुछ इन पर,

बंद करो ये मेले, पूजा,

रखो हृदय में ईश को,

घर में ही ध्यान करो ।

 

Views: 358

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shikha kaushik on November 22, 2012 at 10:56pm

रहम करो कुछ इन पर,

बंद करो ये मेले, पूजा,

रखो हृदय में ईश को,

घर में ही ध्यान करो ।

 

सच ही लिखा है सर

Comment by PHOOL SINGH on November 22, 2012 at 5:12pm

अखिलेश जी प्रणाम...

सत्य को बयाँ करती एक बहुत ही सुंदर रचना

फूल सिंह

Comment by shalini kaushik on November 21, 2012 at 1:54am

.शानदार अभिव्यक्ति बधाई

Comment by नादिर ख़ान on November 20, 2012 at 11:38pm

रहम करो कुछ इन पर,

बंद करो ये मेले, पूजा,

रखो हृदय में ईश को,

घर में ही ध्यान करो ।

 

सर सुंदर संदेश के साथ ,दिल का दर्द  बयाँ करती उत्तम रचना ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 20, 2012 at 4:57pm

हार्दिक आभार अखिलेश मिश्रा जी जो जनता को सही सन्देश देती रचना रची

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 20, 2012 at 3:27pm

रहम करो कुछ इन पर,

बंद करो ये मेले, पूजा,

रखो हृदय में ईश को,

घर में ही ध्यान करो ।

 sundar sandesh, badhai, saadar shree maan jii 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"जिसको देखो वही अदावत मेंकौन खुश है भला सियासत में।१।*घिस गयी जूतियाँ थमीं साँसेंकेस जिसका गया…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सादर अभिवादन आदरणीय।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम साहिब को सादर अभिवादन "
5 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"सबका स्वागत है ।"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
12 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Wednesday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
Wednesday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service