For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विनम्र श्रद्धांजली/ पंडित रवि शंकर

पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित पंडित रविशंकर का बुधवार सुबह अमेरिका के सेन डियागो में निधन हो गया।

विनम्र श्रद्धांजली संगीत जगत के उस चमकते सूर्य को.........

बिखरे सारे राग हैं ,सूना आज सितार

सन्नाटों में गीत है ,सूनी है झंकार

सूनी है झंकार,आँख शब्दों की है नम

खो कर 'रवि' आलोक ,स्तब्ध बैठी है सरगम

कौन किसे दे धीर ,विकल मानस हैं सारे

रोता है संगीत ,तार हैं बिखरे सारे

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 13, 2012 at 1:42pm

दुखद समाचार, आदरणीय पंडित रविशंकर जी को विन्रम श्रद्धांजली सर को समर्पित सुन्दर रचना हेतु आपका आभार.

Comment by Dr.Ajay Khare on December 13, 2012 at 1:41pm

 , विनम्र श्रद्धांजलि |

Comment by MAHIMA SHREE on December 13, 2012 at 11:46am

बिखरे सारे राग हैं ,सूना आज सितार

सन्नाटों में गीत है ,सूनी है झंकार...

सादर नमन !!! सितार सम्राट को

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 13, 2012 at 7:42am

विनम्र श्रद्धांजलि!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 12, 2012 at 8:25pm

संगीत में एक युग का अंत, विनम्र श्रद्धांजलि |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 12, 2012 at 7:01pm

भारतरत्न सितार वादक पंडित रवि शंकर जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 12, 2012 at 6:48pm

अति-उच्च परंपरा और विगत को संयुक्त रखने की एक कड़ी आज गयी. महानतम उदयशंकर के सहोदर और माँशारदा के मैहर के डागर घराने से अभिमंत्रित इस अद्भुत नक्षत्र को विश्व-संगीताकाश कभी घुलने न देगा, यह तय है.

माँ भारती की भारतीयता को प्रति क्षण उच्च संदर्भों में जीता यह सपूत सरस्वती के होने का अर्थ दे गया. बनारस का शिवपुर इलाका अपने इस पुत्र की सौपानिक अग्रसरता का मुखर साक्षी रहा है.

नमन.. .

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 12, 2012 at 5:38pm

 प . रविशंकर जी को हृदय से  सादर नमन
शब्दों से सुरों को दी गयी इस श्रृद्धांजलि को भी सत सत नमन

Comment by राजेश 'मृदु' on December 12, 2012 at 5:30pm

सादर नमन, श्रद्धाजली रूप में सटीक संवेदना जगाती इन कुंडलियों के लिए आभार 

Comment by vijay nikore on December 12, 2012 at 2:38pm

विनम्र श्रध्दांजली । सच,  उनके बिना रो रहा है मन में संगीत ।

विजय निकोर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
20 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service