गौशाले में गाय खुश, बछिया दिखे प्रसन्न |
बछिया के ताऊ खफा, छोड़ बैठते अन्न |
छोड़ बैठते अन्न, सदा चारा ही खाया |
पर निर्णय आसन्न, जेल उनको पहुँचाया |
करते गधे विलाप, फायदा लेने वाले |
चारा पाती गाय, हुई रौनक गौशाले ||
मौलिक / अप्रकाशित
Comment
क्या बात है ... आदरणीय पढ़ते ही मुस्करा पड़ी .. बधाई ..ताऊ तो जेल गए :)) गायें भी खुश .. हम भी खुश
बहुत ही सुन्दरता से कटाक्ष किया है आपने! आदरणीय मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें!
कुण्डलिया में सहजता से सुन्दर कटाक्ष
हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति पर
वाह वाह आदरणीय रविकर सर वाह बहुत ही सुन्दर कटाक्ष बहुत बहुत बधाई स्वीकारें
आदरणीय रविकर सर सादर प्रणाम
बेहतरीन व्यंग साधा है आपने जय हो
इस सुन्दर कुण्डलिया छंद हेतु सादर बधाई आपको
आदरणीय / आदरणीया आभार-
एक यह भी है-
सादर
वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
पर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |
कोर्ट करे ना माफ़, दिखे करनी सी भरनी |
गौशाला आबाद, ,पार करले वैतरणी |
फटता अध्यादेश, कहाँ अब जाय पुकारे |
गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे |
सुन्दर अति सुन्दर आ0 रविकर जी बधाई
अति सुंदर कुंडली रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय रविकर जी
आदरणीय रविकर जी , दिली दाद कुबूल करें , आप किसी भी विषय सुन्दर कुंडलिया लिखने मे माहिर हैं !! वाह !!
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