ज्ञान का चहुँ ओर यों प्रकाश होना चाहिए
मन में पसरे घोर तम का नाश होना चाहिए
बढ़ रही तकनीक क्रांति ला रहे उद्योग अब
तब तो मेरे गाँव का विकाश होना चाहिए
देखता है स्वप्न सोते जागते दिन रात मन
बाँधने मनगति को तप का पाश होना चाहिए
जीतने का हर समय प्रयास करना है उचित
हार कर हमको नहीं निराश होना चाहिए
घर के भीतर “दीप” जलना सिद्ध होता है सही
आपका भगवान् से निकाश होना चाहिए
निकाश - समीपता
संदीप पटेल “दीप”
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीया अन्नपूर्णा जी, आदरणीय आशुतोष जी, आदरणीय रवि जी, आदरणीया गीतिका दीदी, आदरणीय नीरज कुमार जी, आदरणीय शिज्जू जी, आदरणीय गोपाल सरजी , आदरणीय अरुण भाई साहब, आदरणीय गिरिराज सर, आदरणीय जीतेन्द्र जी, आदरणीय सौरभ सर जी ...........आप सभी के उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए आभारी हूँ ....स्नेह यूँ ही बनाये रखिये
आदरणीय सौरभ सर जी आप क्या कहते कहते रुक गए हैं
कुछ मार्गदर्शन सुझाव या डांट लगानी हो तो मैं तैयार हूँ
जय हो
ऐसा ?? ...
ख़ैर ........
बहुत सुंदर व् सार्थक संदेश देती हुयी गजल पर, बधाई स्वीकारें आदरणीय संदीप जी
बहुत खूब रचना आदरणीय गिरिराज भाई साहब की बात पर गौर फरमा लीजिये और सोने पे सुहागा हो जाएगा
दिली मुबारकबाद आपको
आदरनीय सन्दीप भाई , लाजवाब द्विपदियों के लिये आपको हार्दिक बधाई !!!!!
घर के भीतर “दीप” जलना सिद्ध होता है सही -- की जगह ---घर के भीतर “दीप” जलना सिद्ध करता है यही
पढ के एक बार देख लें , शायद जादा सही लगे !!!!
आदरणीय प्रिय मित्रवर बहुत ही सुन्दर संदेशात्मक गजल रची है आपने खूबसूरत अशआर हुए हैं मित्र बधाई स्वीकारें .
देखता है स्वप्न सोते जागते ------- इतना अच्छा लिखकर फिर यह क्या ---
आपका भगवान् से निकाश होना चाहिए ------ पटेल जी चाहे जितना दम लगाना पड़े
पर ऐसा समझौता न करे i आप तो काफी प्रतिभावान है i मेरा स्नेह i
//ज्ञान का चहुँ ओर यों प्रकाश होना चाहिए
मन में पसरे घोर तम का नाश होना चाहिए// बहुत बढ़िया आदरणीय संदीप जी
इस ग़ज़ल के लिये दिली दाद कुबूल करें
बहुत सुन्दर सन्देश देती रचना के लिए बधाई ..
देखता है स्वप्न सोते जागते दिन रात मन
बाँधने मनगति को तप का पाश होना चाहिए,, बहुत सुंदर बंद है
ज्ञान का चहुँ ओर यों प्रकाश होना चाहिए
मन में पसरे घोर तम का नाश होना चाहिए,,, हृदय से निकली कामना बहुत प्रभावशाली है!
कहीं कहीं मुझे समझ नहीं आ रहा, //तब तो मेरे गाँव का विकाश होना चाहिए// विकाश सही है या विकास!
सुंदर और सार्थक द्विपदियाँ रची है, बधाई प्रेषित है!
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