किसी सोच में कभी डूब के जो लिखा न हो औ कहा न हो
वो ग़ज़ल है क्या और वो गीत क्या किसी दिल को जिसने छुआ न हो
मेरी शाईरी में है जो निहाँ मेरे हर्फ़ में वो रवाँ रवाँ
मेरी है दुआ उसी रब से के कहूँ जब मैं कोई खफा न हो
ज़रा पूछिए किसी आदमी से छुआ है कैसे ये आसमाँ
क्या सफ़र में फर्श से अर्श के कोई है वो जो कि गिरा न हो
कहे माँ कहीं मिलें गर्दिशें तो खुदा दिखाता है रास्ता
इसी मोड़ पर मेरे वास्ते वो चराग ले के खडा न हो
हुआ “दीप” तू भी तो मतलबी बिना काम के तू भी कब मिला
कोई बात ऐसी करी नहीं छुपा जिसमें कोई नफा न हो
संदीप पटेल "दीप"
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीया गीतिका दीदी आपका ह्रदय से धन्यवाद स्नेह यूँ ही बनाये रखिये सादर
मेरी शाईरी में है जो निहाँ मेरे हर्फ़ में वो रवाँ रवाँ
मेरी है दुआ उसी रब से के कहूँ जब मैं कोई खफा न हो ......बेहतरीन शेअर हुआ है!
बेहतरीन गज़ल पर हार्दिक बधाई प्रिय संदीप भैया!!
आदरणीय गिरिराज सर जी सादर आभार आपका सराहना हेतु
औ को गिराने के लिए गुरुजन और अग्रजों के विचारों का इंतज़ार है वो जैसा कहेंगे मान्य होगा
सादर
स्नेह यूँ ही बनाये रखिये
आदरणीय जितेन्द्र जी सादर धन्यवाद आपका स्नेह यूँ ही बनाये रखिये
आदरणीय डॉ गोपाल सर आपका ह्रदय से आभार
स्नेह यूँ ही बनाये रखिये
आदरनीय सन्दीप भाई , सुन्दर तरही गज़ल कही है , आपको बधाई ,
आदरणीय शिज्जू भाई की बात मुझे भी सही लग रही है, औ की मात्रा गिराना शायद सही नही है !!!!
ज़रा पूछिए किसी आदमी से छुआ है कैसे ये आसमाँ
क्या सफ़र में फर्श से अर्श के कोई है वो जो कि गिरा न हो............वाह! बहुत बेहतरीन शेर
बहुत बढ़िया गजल, दिली दाद कुबूल करें आदरणीय संदीप जी
दीप जी
ग़ज़ल की भाव सम्पदा मुझे अच्छी लगी
शिल्प के बारे में गुनीजन जाने i
आदरणीय शिज्जू जी सादर
आपने ग़ज़ल को सराहा उसके लिए आभार आपका स्नेह यूँ ही बनाये रखिये
मुझे लगा के गिरा सकते हैं सो गिरा के कह लिया और ऐसा करने में मुझे कहीं भी अटकाव की स्थिति भी नहीं लगी
बाकी तो अग्रज और गुरजन ही इस पर कुछ विशेष राय दे सकते हैं जिससे कुछ और ज्ञान अर्जित किया जा सके
सादर धन्यवाद आपका
//ज़रा पूछिए किसी आदमी से छुआ है कैसे ये आसमाँ
क्या सफ़र में फर्श से अर्श के कोई है वो जो कि गिरा न हो// इस बेहतरीन शेर के लिये दाद कुबूल करें
आदरणीय संदीप जी क्यूँकि और को गिरा के हम औ पढ़ रहें हैं उसके बाद औ को फिर गिराना क्या सही होगा???
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