For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“सर! निगम के सी. ई. ओ. के घोटालों की पूरी रिपोर्ट मैंने फायनल कर दी है। प्रिंट में जाये उससे  पहले आप एक नज़र डाल लीजिए...” एडिटर इन चीफ ने रिपोर्ट पर सरसरी निगाह डाली और लापरवाही से उसे टेबल के किनारे रखे ट्रे पर डालते हुये कहा – “इसे छोड़ो, इस केस में कुछ नए डेवलपमेंट्स पता चले हैं... उन सब को एड करके बाद में देखेंगे... बल्कि तुम ऐसा करो कि नए आर॰ टी॰ ओ॰ से संबन्धित रिपोर्ट को जल्दी से फायनल कर दो, उसे कल के एडिशन में देना है...”

वह अपने चेम्बर में बैठ कर  आर॰ टी॰ ओ॰ से संबन्धित डाक्यूमेंट्स को पढ़ ही रहा था कि खिड़की से देखा काले रंग कि चमचमाती सफारी में से सी. ई. ओ. साहब उतरे, एडिटर इन चीफ से हाथ मिलाया और फिर सफारी उन दोनों को लेकर आँखों से ओझल हो गई...

______मौलिक/अप्रकाशित_______

Views: 492

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 20, 2013 at 12:41am

जो है सो यही है.. . सफ़ारी हो या ऑडी या कोई ऐसी ही गाड़ी, बहुत कुछ ढोती हैं.

आजकी विडम्बना सहज तरीके से अभिव्यक्त हो गयी है.  बधाई

Comment by Shubhranshu Pandey on December 19, 2013 at 3:33pm

आदरणीय संजय जी, 

एक ऎसी कड़वी सच्चाई जिसके बारे में अब सभी को पता है. बडे़ बडे़ मीडिया घरानो के आगे बढ़ने का एक कारण है. पहले व्यवसायी समाचार पत्र के प्रकाशन में आते थे. अब कोइ मीडिया घराना बाद में बिजनेस टाइकुन बन जाता है...

सुन्दर कथा.

सादर.

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on December 18, 2013 at 5:37pm

उत्साहवर्धन हेतु सभी सम्माननीय मित्रों का सादर आभार...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 17, 2013 at 3:47pm

आदरणीय संजय मिश्रा जी 

एक सशक्त लघुकथा.

यह लघु कथा दो तथ्यों को स्पष्टतः प्रस्तुत करती है : पहला- प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह को ..और दूसरा कितना आसान होता है घोटाला करने वालों का बच निकलना...

इस यथार्थ समाज में व्याप्त असामाजिक स्थितियों को सुगढ़ता ये शब्दबद्ध करती लघुकथा पर हार्दिक बधाई.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 17, 2013 at 12:27am

शायद!  आजकल यही सब हो रहा है, सफ़ेद सच को किनारे रखी ट्रे में डालकर, काले झूठ के साथ ओझल हो जाना, बहुत बढ़िया लघुकथा बधाई स्वीकारें आदरणीय संजय जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 16, 2013 at 5:41pm

अबीब जी

अर्थपूर्ण लघुकथा के लिए बधाई i

Comment by coontee mukerji on December 16, 2013 at 5:16pm

ऐसा ही होता.मौसी बेटे...सब भाई भाई.सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 16, 2013 at 1:43pm

आदरणीय संजय जी ..लघु कथा के माध्यम से आपने जबरदस्त कटाक्ष किया है ...आपकी इस रचना पर हार्दिक बधाई के साथ ..सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service