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राजेश कुमारीजी आपकी हौसला अफ़ज़ाई का ह्रदय से आभार
आदरणीय आपके इस विवेचन ने मेरी रचना को जो सम्मान दियाहै उसके धन्यवाद हेतु शब्द नहीं //सौरभ जी साधुवाद आपकी भावनाओं का।
आदरणीय अविनाश भाईजी, आपके इस नवगीत की ऊँचाई अन्य विधाओं पर आपकी रचनाओं से कहीं ऊँची है.
एक-एक बन्द और उनकी आधार पंक्तियाँ अपने आप में अत्यंत समृद्ध हैं. हर बिम्ब पर मैं आपको बार-बार बधाइयाँ दे रहा हूँ.
इस नवगीत के कथ्य के लिए हृदय से बधाई लीजिये.
हाँ, यह भी अवश्य है कि आपने शिल्पपक्ष को अत्यंत हाशिये पर रख छोड़ा है. पंक्तियो की मात्रिकता बेहतर कसावट मांगती हैं
सादर
वाह बहुत सुन्दर नवगीत रचा है अविनाश जी बहुत-बहुत बधाई.
महीमा जी आपके इस शब्द बल का आभारी हूँ
आ. अविनाश जी विभिन्न मनोदशाओं की अभिव्यक्ति इस नवगीत के माध्यम से साकार हुई है. हार्दिक बधाई.
आदरणीय अविनाश भाई जी वाह बहुत ही सुन्दर मधुर नवगीत रचा है आपने बहुत बहुत बधाई आपको
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