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बसंत के दोहे : अरुन अनन्त

बदला है वातावरण, निकट शरद का अंत ।
शुक्ल पंचमी माघ की, लाये साथ बसंत ।१।

अनुपम मनमोहक छटा, मनभावन अंदाज ।
ह्रदय प्रेम से लूटने, आये हैं ऋतुराज ।२।

धरती का सुन्दर खिला, दुल्हन जैसा रूप ।
इस मौसम में देह को, शीतल लगती धूप ।३।

डाली डाली पेड़ की, डाल नया परिधान ।
आकर्षित मन को करे, फूलों की मुस्कान ।४।

पीली साड़ी डालकर, सरसों खेले फाग ।
मधुर मधुर आवाज में, कोयल गाये राग ।५।

गेहूँ की बाली मगन, इठलाये अत्यंत ।
पुरवाई भी झूमकर, गाये राग बसंत ।६।

पर्व महाशिवरात्रि का, पावन और विशेष ।
होली करे समाज से , दूर बुराई द्वेष ।७।

अद्भुत दिखता पुष्प से, भौरें का अनुराग ।
और सुगन्धित बौर से, लदा आम का बाग़ ।८।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment by अनिल कुमार 'अलीन' on February 4, 2014 at 11:51am

बहुत खूब...............लाजवाब.................ऋतू राज का सिन्दार वर्णन

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 10:58am

पीली साड़ी डालकर, सरसों खेले फाग ।
मधुर मधुर आवाज में, कोयल गाये राग

गेहूँ की बाली मगन, इठलाये अत्यंत ।
पुरवाई भी झूमकर, गाये राग बसंत

बसंत ऋतू पर  सजीव-चित्रण करते दोहे, बधाई आदरणीय अरुण जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 4, 2014 at 2:18am

आदरणीय अरुण अनंत भाई,बशंत ऋतू पर सभी दोहे लाजवाब हैं.हार्दिक बधाई.

Comment by Ashok Kumar Raktale on February 3, 2014 at 10:19pm

भाई अरुण शर्मा 'अनंत' जी सादर, बहुत ही सुन्दर और मस्त मस्त दोहे हैं. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. ऋतू के अनुसार पहले दोहे में 'शरद' की जगह 'शीत' शायद अधिक उपयुक्त होता. सादर.

Comment by Sarita Bhatia on February 3, 2014 at 8:08pm

मस्त हुई दोहावली , छाया यहाँ बसन्त 

दिली बधाई आपको ,अरुण शर्मा अनंत /

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on February 3, 2014 at 7:18pm

अरुण शर्मा अनंत जी,

सुन्दर दोहावली ,  हार्दिक बधाई

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 3, 2014 at 7:03pm

बशंत ऋतू पर सुन्दर दोहावली के लिए हार्दिक बधाई श्री अरुण शर्मा "अनंत" जी 


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Comment by गिरिराज भंडारी on February 3, 2014 at 6:44pm

आदरणीय अरुण अनंत भाई , सभी दोहे लाजवाब हैं , आपको हर एक  दोहे के लिये अनेकों बधाइयाँ ॥

Comment by Meena Pathak on February 3, 2014 at 1:11pm

बहुत सुन्दर दोहावली .. बहुत बहुत बधाई 

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