For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : दुकानदारी (गणेश जी बागी)

                 कपूर साहब कंस्ट्रक्शन कम्पनी के मालिक हैं । उनके संरक्षण में चलने वाली साहित्यिक संस्था सरकारी विभाग के सर्वोच्च अधिकारी वर्मा जी को उनकी लिखी किताब के लिए आज सम्मानित कर रही है । कपूर साहब ने शॉल, स्मृति-चिन्ह और स्वर्ण-पत्र देकर वर्माजी को सम्मानित किया ।

                     कार्यक्रम समापन के पश्चात कपूर साहब ने वर्मा जी को बधाई देते हुए धीरे से कहा, "सर, जरा उस 200 करोड़ वाले टेंडर को देख लीजियेगा"

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट => लघुकथा : बंद गली

Views: 999

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 30, 2014 at 3:53pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर जी, लघुकथा पर आपका प्रथम आशीर्वाद प्राप्त हुआ मैं गौरवान्वित हुआ, बहुत बहुत आभार।

Comment by Pawan Kumar on September 30, 2014 at 11:07am

बहुत ही सुन्दर लघुकथा, बड़े अवसरों पर अक्सर ऐसी ही बातें धीरे से कही जाती हैं
आदरणीय, हृदय से बधाई!

Comment by harivallabh sharma on September 30, 2014 at 1:35am

बहुत करारा प्रहार करती लघु कथा ..आज उच्च वर्गीय यथार्थ को उजागर कटी हुयी...सुन्दर बधाई आदरणीय 

Comment by वेदिका on September 29, 2014 at 7:42pm
यही सब गतिविधियाँ मानवता को तो कलंकित करती ही हैं.. पवित्र साहित्य भी उसी मानवता से उत्पन्न है। करारा तंज है हमेशा की तरह विलक्षण रचना!
बधाई आ० बागी जी
Comment by Shyam Narain Verma on September 29, 2014 at 5:16pm

अति सुन्दर लघु कथा। बधाई।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 29, 2014 at 11:28am

आदरणीय बागी सर ..आपकी लघु कथाएँ कम शब्दों में इतना कुछ कह जाती हैं जिसकी जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है ..आज की रचना भी आपके उसी गुलदस्ते का शानदार फूल है ..आपको ढेर सारी बधाई केसाथ सादर 

Comment by khursheed khairadi on September 29, 2014 at 8:17am

आदरणीय बागी जी ,इस करारे व्यंग्य के लिए सादर अभिनन्दन ,जोरदार तमाचा है छद्म साहित्य पुरोधाओं पर |सादर 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 28, 2014 at 7:40pm

आदरणीय गणेश भाईजी,  

ठीक समय पे हथौड़ा मारा, जब लोहा था पूरा लाल।

यदि कृपा हो गई साहब की, हो जाएगा माला- माल॥

स्मृति चिन्ह, स्वर्ण पत्र, तालियों ने किया कमाल।

हे कांट्रैक्टर, बस तू ही है, भारत का सच्चा लाल॥

इस देश की यही सच्चाई है , लघु कथा की हार्दिक बधाई है ।    

Comment by Amit Kumar "Amit" on September 28, 2014 at 5:42pm

बहुत खूब लघु कथा कही आपने आदरणीयगणेश जी बागी एक सत्य से रु-व्-रु बहुत बहुत बधाइयाँ। 

Comment by seemahari sharma on September 28, 2014 at 3:18pm
बहुत सुंदर लघु कथा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
21 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service