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अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं -- डा० विजय शंकर

रौशनी से अन्धकार तो सब मिटा लेते हैं
हम अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं |
एक बुराई हटाई , हटाई क्यों , हटाई नहीं ,
साइड में लगाईं , नई बुराई लगाई |
एक फेल को दूजे फेल से बदल दिया ,
एक असफल को फिर असफल होने का
अवसर दिया , और जोरदार एलान किया ,
देखो , हमने कैसा परिवर्तन कर दिया ,
और एक कमजोर का उत्थान भी कर दिया |
क्योंकि हम वीर हैं , हर हाल में जी लेते हैं ,
किसी बुराई से डरते नहीं ,
हर बुराई में जी लेते हैं ,
हर बुराई को झेल लेते हैं ,
हर बुराई के साथ एडजस्ट कर लेते हैं ।
बुराइयों से लड़ते नहीं ,
दायें बाएं करके बस , निकल लेते हैं ,
सह लेते हैं , सह लेते हैं , सहते रहते हैं ।

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

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Comment by khursheed khairadi on December 31, 2014 at 11:44am

हर बुराई के साथ एडजस्ट कर लेते हैं ।
बुराइयों से लड़ते नहीं ,
दायें बाएं करके बस , निकल लेते हैं ,
सह लेते हैं , सह लेते हैं , सहते रहते हैं ।

आदरणीय विजयशंकर जी ,बेहतरीन तंज़ है समाज की दोगली मानसिकता पर |सादर अभिनन्दन 

Comment by Shyam Narain Verma on December 31, 2014 at 10:19am

बहुत ही लाजवाब रचना है , बधाई।

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 10:17am
व्यंग आपको पसंद आया , आभार आदरणीय वन्दना जी , सादर।
Comment by vandana on December 31, 2014 at 7:48am

एक बुराई हटाई , हटाई क्यों , हटाई नहीं ,
साइड में लगाईं , नई बुराई लगाई |

बेहतरीन व्यंग्य आदरणीय 

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:03am
Thank you Dear Somesh Kumaar ji .

Regards .
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:02am
आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी , आपकी बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:01am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , यदि सच यही हो रहा है, किया जा रहा है तो कहा भी जाना चाहिए। चाहे कुछ विनम्रता के साथ ही। पर लिखे में होना और दिखना चाहिए। शायद कभी , कहीं , कोई असर हो।
आपकी बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by somesh kumar on December 30, 2014 at 10:55pm

a good satire sir

Comment by Hari Prakash Dubey on December 30, 2014 at 10:45pm

आदरणीय विजय शंकर सर ,सुन्दर रचना ,हार्दिक बधाई आपको ! सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 30, 2014 at 9:55pm
My high regards,Dr.Gopal Naraayan ji.

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