तेरी बेव़फाई मेरी बेव़फाई
कहानी समझ में अभी तक न आई
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मेरे इश्क़ में तू उधर ज़ल रहा है
इधर मैंने ज़ल कर मुहब्बत निभाई
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बहाने बनाकर ज़ुदा हो गये हम
यूँ दोनों ने मिलके ही दुनिया हँसाई
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तुझे मैंने मारा क़भी खंजरों से
क़भी सेज काँटों की तूने बिछाई
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जलाये जो तूने मेरे प्यार के ख़त
तो तस्वीर तेरी भी मैंने ज़लाई
उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
बहुत ख़ूब .... वाह क्या कहन है |बधाई स्वीकार करें |
आदरणीय उमेश कटारा जी, सुन्दर रचना ..
जलाये जो तूने मेरे प्यार के ख़त
तो तस्वीर तेरी भी मैंने ज़लाई.......वाह बड़ी खूबसूरत लड़ाई , शानदार , हार्दिक बधाई !
आपकी बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार arun kumar nigam जी
आपकी बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार जितेन्द्र पस्टारिया जी
आपकी बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार Dr. Vijai Shanker जी
आपकी बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार मिथिलेश वामनकर जी
आपकी बेहतरीन प्रतिक्रिया के लिये सादर आभार khursheed khairadi जी
बहाने बनाकर ज़ुदा हो गये हम
यूँ दोनों ने मिलके ही दुनिया हँसाई
आदरणीय उमेश जी बहुत ख़ूब .... वाह क्या कहन है |बधाई स्वीकार करें |सादर अभिनन्दन |
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