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आदरणीय समर कबीर जी, आपकी ग़ज़ल तो उम्दा और बेहतरीन होती ही है, आज आपके साहित्य के प्रति समर्पण से भाव विभोर हूँ , नमन करता हूँ आपको .. और भाई जी को बहुत बहुत आभार,धन्यवाद जिन्होंने आपकी रचनाओं से हमे परिचित कराया.
आदरणीय समर कबीर जी,अभी खुरशीद साहब का पोस्ट पढ़ा तो जानकारी मिली ,नमन है आपको और आपके सुपुत्र को !सादर
आदरणीय समर भाई , गज़ल तो आप बेमिसाल कहते ही हैं , ये गज़ल भी बहुत खूब कही है , हर शे र लाजवाब हैं । दिली मुबारकबाद कुबूल करें ॥
आदरणीय समर भाई , आदरणीय खुर्शीद भाई से आपकी आँखों के विषय में जानकारी मिली । आपके प्रति और आपके साहबजादे के प्रति दिल मे इज़्ज़त बढ गई , ग़ज़ल गोई के लिये ऐसा समर्पण बिरला ही देखने को मिलता है , और ऐसे साहबज़ादे भी नसीबवालों को मिलते हैं । ख़ुदा आपकी लेखनी को खूब बरकत दे । और हाँ , साहबजादे , ख़ुदा आपको हर खुशी अता करे , आप जो सेवा कर रहे हैं वो ख़ुदा की इबादत से किसी दर्ज़ा कम नहीं है ॥
आज उसी पर फूल वफ़ा के खिलते हैं
तुमने जिस धरती को बंजर लिख्खा है
पढ़कर देखो मेरी इन तहरीरों को
तुमको ही उन्वान बनाकर लिख्खा है
आदरणीय समर कबीर सर , क्या ख़ूब ग़ज़ल हुई है ,बधाई आपको |मतला कमाल का हुआ है और मक्ते ने तो जान लेली वा...ह
हमने बग़ावत करके सारी दुनिया से
महरूमी का नाम सिकन्दर लिख्खा है
मंच से सादर निवेदन है कि कबीर साहब आँखों से मा'ज़ूर (विवश) है ,आपके साहबजादे ही आपकी रचनाओं को पोस्ट करते हैं और सभी पोस्ट रचनाएं और टिप्पणियाँ पढ़कर सुनाते हैं |इसी विवशता के चलते कबीर साहब कई रचनाओं पर पोस्ट नहीं कर पाते ,इसे अन्यथा न लें |मैं अपने दफ़्तर और घर के सामान्य कामकाज़ के चलते हुये भी मंच को पूरा समय नहीं दे पाता हूं ,ऐसे में कबीर साहब की सक्रियता और समर्पण को देखकर दंग रह जाता हूं |इनके साहबजादे साहब का भी शुक्रगुजार हूं कि वे पूरी तन्मयता से हमे कबीर साहब की उम्दा रचनाओं से रूबरू करवा रहें हैं |सर नमन आपको |
सादर अभिनन्दन |
आदरणीय समर कबीर जी शानदार रचना है // हमने बग़ावत करके सारी दुनिया से
महरूमी का नाम सिकन्दर लिख्खा है// वाह ...बधाई प्रेषित !
पढ़कर देखो मेरी इन तहरीरों को तुमको ही उन्वान बनाकर लिख्खा है वाह सर खूब ग़ज़ल कही है बधाई स्वीकारें
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