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आज शादी की वर्ष गाँठ पर एक लघु कथा आप सबके लिए ....“वेडिंग एनिवर्सरी”

“क्या कहा शाम को छुट्टी दे दूँ ? रूपा क्या कह रही हो तुम्हे अच्छे से पता है  आज हमारी वेडिंग एनिवर्सरी की पार्टी है ऐसे में तुम्हे छुट्टी ? चुपचाप शाम को तुम दोनों ढंग के कपड़े पहन के आना बहुत  लोग आयेंगे, दीपू बाहर सर्व करने में हाथ बटाएगा” सोनिया थोड़ा गुस्से से बोली|

“वो क्या है न मेमसाब जी,आज हमे पिक्चर जाना था आज हम दोनों की भी” ...रूपा ने बीच में ही दीपू के मुख पर हाथ धर दिया और बात काट कर बोली “जी मेमसाब हम आ जायेंगे”|

उसकी आँखों में झिलमिलाये आँसू मेमसाहब और दीपू से छुपे न रह सके|

शाम को पार्टी में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बड़ा सा केक काटा गया|

फिर अचानक सोनिया ने कोने में खड़े दीपू और रूपा को बुलाया|

 एक दूसरा केक लाया गया जिस पर लिखा था ‘दीपू वेड्स रूपा’ पास में ही रात की शिफ्ट की पिक्चर की  दो टिकटें  रखी थी |

रूपा और दीपू के दिल की कसक आँखों से बह निकली....    

मौलिक एवं अप्रकाशित          

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 4, 2015 at 12:13pm

प्रिय तनूजा जी , आपको लघु कथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ|  

Comment by Tanuja Upreti on May 4, 2015 at 12:07pm

एक सम्वेदनशील मुद्दे पर बेहतरीन  प्रस्तुति , ऐसी इंसानियत की आज बहुत आवश्यकता है I


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 4, 2015 at 11:28am

प्रिय सविता मिश्रा,बहुत बहुत आभार  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 4, 2015 at 11:28am

आ० सौरभ पाण्डेय जी,आपकी स्नेहसिक्त बधाई से अभिभूत हूँ लघु कथा पर प्रतिक्रिया एवं शुभकामनाओं हेतु  तहे दिल से आभार प्रेषित है बहुत बहुत शुक्रिया सादर.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 4, 2015 at 11:25am

जितेन्द्र भैया,आपकी बधाई एवं लघु कथा की सराहना हृदय से स्वीकार.शुभकामनाएँ.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 4, 2015 at 11:23am

आ० डॉ० विजय शंकर जी, आपका दिल से आभार . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 4, 2015 at 8:25am
आदरणीय राजेश दीदी
सर्वप्रथम शादी की वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनायें
प्रसंग अनुकूल सकारात्मक प्रेरक लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई। जीवन में केवल बुरा ही नहीं घट रहा है बहुत कुछ अच्छा भी है। सुखान्त लघुकथाओं के अकाल के दौर में बहुत सुन्दर लघुकथा कही आपने। इस प्रस्तुति हेतु आभार।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 4, 2015 at 6:22am

आदरणीया राजेश जी ..सबसे पहले तो शादी की सालगिरह पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार करीं ,,,तोते पर लिखे आपकी लघुकथा पढने के बाद आज इस लघु कथा को पढ़ा ..यह रचना भी सीधे दिल में जगह बनाती है ऐसा लगा जैसे कथा जिसका जिक्र आपने किया वो आँखों के सामने ही घटित हो रही है / आपको एक बार फिर से बधाई के साथ सादर 

Comment by savitamishra on May 3, 2015 at 6:03pm

बहुत प्यारी रचना दी 
सादर  नमस्ते


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 3, 2015 at 2:35pm

आजका दिन आपके जीवन में एक और क्यारी के निर्मित होने का सुखद कारण हो, आदरणीया. उसमें छोटे-छोटे रंग-बिरंगे अत्यंत सुगन्धित सुन्दर-सुन्दर फूल खिलें.. कामनाओं की आर्द्रता पावस की फुहारें बन वातावरण को उत्फुल्ल रखे.. आशाओं की उन्मन उर्मियाँ उन्मुक्त हुई क्यारियों में गुनगुनाती फिरें.. शुभ के भी शुभकारी पल हों, सुख की भी सुखकारी गति हों..
शुभ-शुभ



अब प्रस्तुति पर -
’तोते’ ऐसे ही उड़ाये जाते हैं.. घर में ’तोते’ ऐसे ही पाले जाते हैं .. :-))
 
इस सफल प्रस्तुति के लिए शुभकामनाएँ..

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