For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कोरी शिक्षा (लघु कथा )राहिला

"हां,तो बताओ इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? "
दादाजी!इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी की चीज देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिये।बल्कि हमारे पास जो कुछ भी है उसी में संतोष करना चाहिए । "
"शाबाश बेटा! क्योंकि संतोष ही सुख और सुकून की चाबी है । "
तभी -
"अरे आओ -आओ वर्मा जी!कहिये क्या सेवा कर सकता हूं आपकी? "
"बस दो बिस्कुट के पैकेट और एक चाय पत्ती का डिब्बा दे दीजिये । और ये बाहर गुप्ता जी !की दुकान के आगे नई कार खड़ी है ।उन्होनें !ले ली क्या?"
"हां भई!दीवाली ऑफर का फायदा उठाया है ।बस तभी से सबको दिखाता फिर रहा है । आज स्कूटर से नहीं बल्कि मुझे जलाने के लिये इस से आया है । मैं खूब समझता हूं इसकी ओछी मानसिकता ।"कहते -कहते उनका चेहरा ईर्ष्या से विकृत हो गया ।
मौलिक और अप्रकाशित

Views: 1086

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahila on November 16, 2015 at 8:58pm
आदरणीय योगराज सर जी एवं आदरणीय सौरभ सर जी,सादर प्रणाम, आपका आशीर्वाद यूं ही मेरे साथ बना रहा तो एक दिन अवश्य आपकी उम्मीदों पर खरी उतरूगीं । मैं हर तरह से बेहतर के लिये प्रयास करूगीं । हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया । सादर नमन ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 16, 2015 at 4:38pm

मैं डिट्टो यही टिप्पणी करने वाला था जो आदरणीय योगराजभाईसाहब ने दिया है. आदरणीया राहिलाजी का अभ्यास बेहतर परिणामों का आकांक्षी है, इसमें संदेह नहीं.

शुभेच्छाएँ


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 16, 2015 at 12:03pm

हालाकि कथनी और करनी में अंतर वाला विषय बेहद घिसा-पिटा और उबाऊ हो चुका है फिर भी यह लघुकथा अच्छी  हुई है आ० राहिला जी, लेकिन मुझे लगता है कि यह इससे कहीं बेहतर बन सकती थी I बहरहाल, प्रयासरत एवं अभ्यासरत रहें और मेरी दिली मुबारकबाद स्वीकार करें I 

Comment by Rahila on November 16, 2015 at 8:28am
बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी । सादर नमन ।
Comment by Rahila on November 16, 2015 at 8:27am
बहुत आभार आदरणीया कल्पना दी ।सादर नमन ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 15, 2015 at 11:41pm

ईर्ष्या  विषय पर  सन्देश परक सुन्दर लघु कथा ,हार्दिक बधाई राहिला जी .

Comment by Rahila on November 14, 2015 at 12:51pm
बहुत -बहुत शुक्रिया सभी वरिष्ठ आदरणीय जन, आप सब की प्रोत्साहन भरी टिप्पणियां ही है जिनके कारण लेखन के क्षेत्र में दो -चार कदम चल पाई हूं । आप सब का तहे दिल से बहुत शुक्रिया बहुत आभार । सादर नमन ।
Comment by Omprakash Kshatriya on November 14, 2015 at 7:37am

आदरणीय राहिला जी आप ने बहुत  ही खूबसूरती से ईर्ष्या को परिभाषित कर दिया. बधाई आप को .

Comment by Madan Mohan saxena on November 13, 2015 at 4:54pm

बहु बहुत बधाई

Comment by TEJ VEER SINGH on November 13, 2015 at 11:29am

हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला  जी!अच्छा संदेश देती लघुकथा!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

.ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा, मुझ को बुनने वाला बुनकर ख़ुद ही पगला जाएगा. . इश्क़ के…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"वाह वाह आदरणीय नीलेश जी पहली ही गेंद सीमारेखा के पार करने पर बल्लेबाज को शाबाशी मिलती है मतले से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई ग़ज़ल की उम्दा पेशकश के लिये आपको मुबारक बाद  पेश करता हूँ । ग़ज़ल पर आाई…"
yesterday
Ravi Shukla commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरूद्दीन जी उम्दा ग़ज़ल आपने पेश की है शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करे । हालांकि आस्तीन…"
yesterday
Ravi Shukla commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय बृजेश जी ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें ! मुझे रदीफ का रब्त इस ग़ज़ल मे…"
yesterday
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह वाह आदरणीय  नीलेश जी उम्दा अशआर कहें मुबारक बाद कुबूल करें । हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service