For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज एक सौदा ही कर लें
बोली बॉस एक दिन
सुनकर यह चकित हुई मैं
देखती रही उनको एकटक
देख मुझको भांप गयी वो
मुझे लगा कांप गयी वो
पर नहीं , नहीं हुआ कोई असर
बोलीं न छोडूंगी कोई कसर
अब मैं हुई और परेशान
शैतान आया था बनकर मेहमान
रुकी कुछ पल फिर हंस कर बोलीं
अपने ईमान की पोल खोली
सुनो मेरा तुम करो एक काम
न करना इस बात को आम
मेरे पास काला धन पड़ा है
मोदी जी ने सर पर हथौड़ा मारा है
औरतो के खाते में ढाई लाख़ फ्री है
यह रकम टैक्स फ्री है
ले लो मुझसे तुम यह रकम
और बाँट लो थोडा मेरा ये गम
तुमको मैं एक लाख दे दूंगी
मेरा धन कर सफ़ेद करदो
मैं पड़ गयी अब सोच में
अकाउंट मेरा ख़ाली पड़ा था
एक लाख सामने खड़ा था ।
लगा सामने लक्ष्मी खड़ीं थी
मन बोला ले लो बहना
मान लो तुम बॉस का कहना ।
भ्रष्टाचार को मिटाने की कोशिश थी
काला धन निकालने की कोशिश थी
भ्रष्टाचार थोडा मैं भी मिटाऊं
कुछ फायदा खुद भी पाऊँ
जय हो जय हो नॉट बन्दी जी की
सौदा हुआ अब पक्का समझो
खुद को भी लखपति ही समझो
हुई खुश मैं पहुंची जब घर
बोला टी वी लोग हुए हैं बन्द
सौदा करते हुए पकड़े गए
इनकम टैक्स वालों से धरे गए
मैंने उठाया अपना मोबाइल
बॉस को किया एक कॉल
तभी देखी बैंक की पोल
नए नोटों की बन गयी खोल
आम जनता खड़ी कतार में
दस करोड़ आया नहीं बाज़ार में
एक शख्श फिर उसने दिखाया
नये नोटों के बीच खड़ा था
देर से सही पर समझ में आया
भृष्ट समाज की सौदे बाजी
कोई बोल रहा था एक स्लोगन
भ्रष्टाचार मिटाओ
और सामने फिर एक सौदा खड़ा था ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on December 28, 2016 at 4:13pm

बढ़िया सम सामयिक प्रस्तुति, बधाई आपको 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 25, 2016 at 8:09pm

कल्पना जी , अच्छी प्रस्तुति है .

Comment by pratibha pande on December 24, 2016 at 9:13am

समसामयिक विषय पर बढ़िया तंज  ...शैली भी आपकी दूसरी रचनाओं से हटकर है ..हार्दिक बधाई आपको आदरणीया कल्पना जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 24, 2016 at 1:43am

आदरणीया कल्पना जी इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई. सादर

Comment by narendrasinh chauhan on December 23, 2016 at 5:48pm

खूब सुन्दर रचना

Comment by आशीष यादव on December 23, 2016 at 1:19am
Bilkul satik. Aaj ka samay bhrastachar aur noto ka khel.
Prastuti pr badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service