Comment
बढ़िया लघुकथा है आ. राहिला जी। हार्दिक बधाई प्रेषित है। सादर।
बहुत अच्छी रचना कही है राहिला जी, आदरणीय रवि प्रभाकर जी सर की बातों पर ध्यान देकर सुधार करें तो बेहतर हो जायेगी, सादर
प्रिय छोटी बहन राहिला, प्रस्तुत लघुकथा के शीर्षक ने बहुत प्रभावित किया । परन्तु ऐसे कथानकों की प्राकाम्यता है जो अक्सर चौथी पांचवी लघुकथा में देखने को मिल जाते हैं। /तभी पेड़ पर बैठे कौए के मुँह से एक रोटी का टुकड़ा नीचे गिरा ,जिसे पास बैठे बच्चे ने लपक लिया/ इस पंक्ित में नाटकीयता बहुत अधिक हो गई जिससे लघुकथा की स्वभाविकता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। कहा जाता है कि लघुकथा पढ़ने के बाद एक 'झटका' सा लगना चाहिए, अब इस 'झटके' को समझना होगा । इस झटके को स्थूल अर्थ में लेकर इसके वास्तिवक अर्थ को समझना होगा। आदरणीय शंकर पुण्तांबेकर जी के अनुसार यह झटका 'बौद्धिक झटका' होना चाहिए। खैर ! प्रयासरत रहें क्योकि लघुकथा विधा पर आपकी पकड़ बहुत प्रशंसनीय है और आपकी 'भगौड़ा' सरीखी लघुकथा पाठक काे सदैव याद रहेगी। प्रस्तुत कथा में भी /आननफानन में शहर से चिकित्सकों का दल नाक मूँदे वहां पंहुचा ।/ नाक मूंदे सहजे ही गांव की दशा बयां कर रहा है। सिर्फ दो शब्दों में गांव की दुर्दशा का जो चित्रण किया है वह अत्यंत प्रशंसनीय है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं । सादर
ओह्ह्ह्ह ये लघु कथा अंदर तक झकझोर गई सच में बातें सब बना देते हैं राय देना आसान है कुपोषण क्यूँ हो रहा है उनके पास खाने को क्या है ये देखने वाला कोई नहीं .बहुत बहुत बधाई इस शानदार लघु कथा पर प्रिय राहिला जी |
आदरणीया राहिला जी ..रचना के माध्यम से आपने यथार्थ को बड़े ही शानदार तरीके से पेश किया है .इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर
हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला जी। बेहतरीन कटाक्ष करती सुन्दर लघुकथा ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online