For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूनम का रजनीश लजाया-रामबली गुप्ता

मत्तगयन्द सवैया

सूत्र=211×7+22; सात भगण+गागा

सुंदर पुष्प सजा तन-कंचन केश-घटा बिखराय चली है।
हैं मद पूरित नैन-सरोवर, ओष्ठ-सुधा छलकाय चली है।।
अंग सुगंध लिए सम चंदन मत्त गयंद लजाय चली है।
लूट लिया हिय चैन सखे! कटि यूँ गगरी रख हाय! चली है।।1।।

यौवन ज्यों मकरन्द भरा घट और सुवासित कंचन काया।
भौंह कमान कटार बने दृग, केश घने सम नीरद-छाया।।
देख छटा मुख की अति सुंदर, पूनम का रजनीश लजाया।
ओष्ठ-खिली कलियाँ अति कोमल, देख हिया-अलि है ललचाया।।2।।

मौलिक एवं अप्रकाशित
-रामबली गुप्ता

Views: 553

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on November 27, 2017 at 6:38pm
आद0 रामबली जी सादर अभिवादन, बेहतरीन छःन्द रचना की आपने, इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर
Comment by Samar kabeer on November 23, 2017 at 10:07pm
जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बहुत सुंदर रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 23, 2017 at 7:39pm

आआ० रामबली जी . बहुत सुन्दर रचना हुयी है , आपसे एक निवेदन है अछे कवि  कर्म के लिए कर्ण कटु शब्दों से बचना आवश्यक है  अधर शब्द में जो लालित्य है वह ओष्ठ  में नही है  पर अधर १२ है  तो .फिर सीधे सीधे होंठ ही क्यों न कहें ----- सादर

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 23, 2017 at 5:34pm
जनाब राम बली साहिब ,सुन्दर मत्त गयन्द सवैये छन्द हुए है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
Comment by Mohammed Arif on November 23, 2017 at 1:02pm
आदरणीय रामबली गुप्ता जी आदाब,
बहुत ही सुंदर मत्तगयंद छंद की रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

AMAN SINHA posted blog posts
3 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: सही सही बता है क्या

1212 1212सही सही बता है क्याभला है क्या बुरा है क्यान इश्क़ है न चारागरतो दर्द की दवा है क्यालहू सा…See More
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
दिनेश कुमार posted blog posts
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service