For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'सत्य अब तक!' (लघुकथा)

"ओये! .. अबकी बारी, मंदिर-मस्जिदों पे भारी!"


"नईं बे! चुनावी पारी की भेंटें 'वारि' ... ! वोटों की यारी, तैयारी जारी!"


"हां .. हां .. तुष्टिकरण जब तक, मज़हबी अतिक्रमण तब तक!"


"नईं बे! सियासी अतिक्रमण जब तक, वोट-बैंक तब तक! ... सियासत तब तक!"


"हां .. हां .. ऐसी 'ख़ुदग़र्ज़' सियासत जब तक, हमारी 'आफ़तें' तब तक!"


"नईं बे! 'ऐसी' जनता जब तक, 'ऐसी' सियासत तब तक और 'ऐसा' जनतंत्र तब तक!"


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 21, 2018 at 12:04am

अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर  साहिब, जनाब  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिरसाहिब और मुहतरमा नीलम उपाध्याय साहिबा।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 19, 2018 at 12:55pm

आ. भाई शैख़ शहज़ाद जी, प्रभावशाली कथा हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on September 17, 2018 at 3:25pm

 आदरणीय शेख उस्मानी जी, अच्छी लघुकथा हुई है।  बधाई। 

Comment by Samar kabeer on September 16, 2018 at 6:14pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,प्रभावशाली लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 15, 2018 at 11:21pm

मेरी रचना पर समय देकर अनुमोदन कर विचार सांझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब और जनाब

तेजवीर सिंह साहिब। 

Comment by TEJ VEER SINGH on September 15, 2018 at 8:47pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन कटाक्ष युक्त लघुकथा । यही एक मात्र सत्य है कि साम दाम दंड भेद कुर्सी पर पहुंचो।

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 15, 2018 at 2:49am

आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , बात तो दमदार है , “ ऐसी' जनता जब तक, 'ऐसी' सियासत तब तक और 'ऐसा' जनतंत्र तब तक!".
सच तो यही है कि एक बार सारी जनता जाग जाए और सिर्फ जनता बन कर चुनाव निपटा दे , सब कुछ बहुत अच्छे से निपट जाएगा।
इस प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
35 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
21 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service