122 122 122 122
मेरी हर निशानी मिटाने से पहले ।
वो रोया बहुत भूल जाने से पहले ।।1
गयी डूब कश्ती यहाँ चाहतों की ।
समंदर में साहिल को पाने से पहले ।। 2
जफ़ाओं के मंजर से गुज़रा है कोई ।
मेरा ख़त गली में जलाने से पहले ।।3
वो दिल खेलने के लिए मांगते हैं ।
मुहब्बत की रस्मे निभाने से पहले ।। 4
ये तन्हाइयां हो न जाएँ सितमगर ।
चले आइये याद आने से पहले ।।6
मेरे हाल पर छोड़ दे मुझको जालिम ।
मुझे और सपने दिखाने से पहले ।।7
जमाने की तासीर समझा करो तुम ।
किसी दिल पे जादू चलाने से पहले ।।8
वो देकर गया है नई इक चुनौती ।
मेरा हौसला आजमाने से पहले ।।9
बुलन्दी पे लाने की आदत है उनकी ।
नज़र से किसी को गिराने से पहले ।।10
यकीं कैसे कर लूं मैं तुझ पर ऐ जालिम ।
सराफत का मंजर दिखाने से पहले ।।11
तस्सवुर जवाँ हो गए सब हमारे ।
तुम्हारी ग़ज़ल गुनगुनाने से पचले ।112
है भौरों को पूरी खबर अब कली की ।
हवाओं में खुश्बू समाने से पहले ।।13
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
Comment
आ0 कबीर सर सादर नमन ।
खूब सूरत इस्लाह के लिए तहेदिल से शुक्रिया सर ।
आ0 राज नावादवी साहब ग़ज़ल तक आने के लिए तहे दिल से बहुत शुक्रिया ।
आदरणीय नवीनमणि त्रिपाठी जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।
' यकीं कैसे कर लूं मैं तुझ पर ऐ जालिम ।
सराफत का मंजर दिखाने से पहले'
इस शे'र का भाव स्पष्ट नहीं है,और सहीह शब्द "शराफ़त" है ।
खूबसूरत ग़ज़ल आदरणीय त्रिपाठी जी..
आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।
आदरणीय नवीन मणि जी सादर नमस्कार, बहुत खूबसूरत अशआर हुए हैं , आनन्द आ गया , वाह वाह
आदरणीय नवीन मणि जी, बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए बधाई।
हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी। बेहतरीन गज़ल।
बुलन्दी पे लाने की आदत है उनकी ।
नज़र से किसी को गिराने से पहले ।।10
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online