कसमों की डोरी ....
चलो
कोशिश करते हैं
जीवन को
कसमों की डोरी में
रस्मों की गंध से
अलंकृत कर दें
चलो
कोशिश करते हैं
हिना के रंग को
स्नेह अभिव्यक्ति के
अनमोल पलों से
अमर कर दें
चलो
कोशिश करते हैं
अपरिचिति श्वासों को
हवन कुंड की अग्नि के समक्ष
एक दूजे में समाहित कर
सृष्टि की पावनता को
श्रृंगारित कर दें
चलो
कोशिश करते हैं
लकीरों में छुपे
अपने सफ़र को
नेह गंध से सुवासित
मधुर पथ दे दें
चलो
कोशिश करते हैं
मैं और तुम
हम बन जाएँ
मेरी ख़ुशी पर
तुम मुस्कुराओ
तुम्हारे ग़म में
मेरे नैन भर आएँ
कुछ कसमें
तुम निभाओ
कुछ कसमें
मैं निभाऊं
देह से अदेह तक
हर बंधन
मोहब्बत की हिना से
महक जाए
सँग-सँग
कुछ जागी-जागी
सोई-सोई सी रातों में
कोशिश
मंज़िल बन जाए
ख़्वाब
यकीन हो जाएँ
मैं और तुम की ज़िल्द में
हम
अनुपम पृष्ठों की
किताब हो जाए
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। गृह निवास से बाहर होने के कारण आभार व्यक्त न कर सका , क्षमा चाहता हूँ।
बहुत ही सुन्दर कविता है आदरणीय...बधाई
आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।
आदरणीय राज़ नवादवी साहिब, आदाब .... प्रस्तुति की गहनता को अपने अनुमोदन से अलंकृत करने का दिल से शुक्रिया।
आदरणीय नरेंदर सिंह चौहान जी सृजन आपकी मधुर प्रशंसा का आभारी है।
आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन के भावों पर आपकी मधुर प्रशंसा का दिल से आभार।
जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय सुशील सरना जी, आदाब........चलो कोशिश करते हैं.........बहुत सुन्दर कोशिश, इस सुन्दर रचना पे दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ. सादर.
आदरणीय सुशील जी खूब सुंदर रचना के लिए बहोत बधाई
आदरणीय सुशील सरना जी बहुत ही सुंदर रचना बहुत बहुत बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online