कर भला कर भला गर भला कर सके....
नफरतो को मिटा गर भला कर सके....
नाउम्मीदी भरा कोई जब भी मिले....
आस उसको बंधा गर भला कर सके....
जब कभी कोई अंधा दिखे राह में....
पार उसको लगा गर भला कर सके....
हाथ फैलाए जब कोई भूखा दिखे....
भूख उसकी मिटा गर भला कर सके....
तन किसी का खुला देख ले गर कभी....
पेरहन कर अता गर भला कर सके....
जिंदगी की मिटा दें हर इक तीरगी....
दीप ऐसे जला गर भला कर सके....
राज हर इक कदम आंसुओं को यहाँ....
मुस्कुराना सिखा गर भला कर सके....
Comment
अच्छे शे'र निकाले हैं , दाद कुबूल करें |
इस भली-भली सी ग़ज़ल में सारे शे’र भले-भले से हैं.
बधाई
हाथ फैलाए जब कोई भूखा दिखे....
भूख उसकी मिटा गर भला कर सके....
तन किसी का खुला देख ले गर कभी....
पेरहन कर अता गर भला कर सके....
बहुत सटीक लफ़्ज़ों में एक सार्थक सन्देश देती ग़ज़ल ! बधाई
बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा MAHIMA SHREE जी....
हाथ फैलाए जब कोई भूखा दिखे....
भूख उसकी मिटा गर भला कर सके....
तन किसी का खुला देख ले गर कभी....
पेरहन कर अता गर भला कर सके....
जिंदगी की मिटा दें हर इक तीरगी....
दीप ऐसे जला गर भला कर सके....
सन्देश देती आपकी गजल बहुत ही खुबसूरत बन पड़ी है .. बहुत -२ बधाई आपको
शुक्रिया जनाब राज तोमर जी....
बहुत अच्छा. :)
SHAILENDRA KUMAR SINGH 'MRIDU' ji SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR ji... Rekha Joshi ji....Bhawesh Rajpal ji.... आशीष यादव ji.... योगराज प्रभाकर ji.... SANDEEP KUMAR PATEL ji.... Arun Kumar Pandey 'Abhinav' ji.... डॉ. सूर्या बाली "सूरज" ji.... Aap sabhi ko tah-e-dil se shukriya.... aap sabhi ke itne sunder comments se mai dhanya ho gaya.... meri mehnat sarthak huyi..... Lakh lakh shukriya....
बाजपाई जी बहुत उम्दा ग़ज़ल प्रशतुत की है आपने ! दाद कबूल करें ! बहुत अच्छे अश'आर हैं ! कमाल का रदीफ़ निकाला है आपने ! मज़ा आ गया !
हाथ फैलाए जब कोई भूखा दिखे....
भूख उसकी मिटा गर भला कर सके....
तन किसी का खुला देख ले गर कभी....
पेरहन कर अता गर भला कर सके....
वाह राज जी आपकी सीख देती इस रचना के सन्देश को गाँठ बाँध लिया जाए तो दुनिया की सूरत बदल जाए हार्दिक बधाई इस रचना के लिए !!
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