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Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Comments

Comment Wall (269 comments)

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At 9:34am on October 16, 2015, Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" said…
आदरणीय गणेश सर;
सादर अभिवादन।

ओबीओ परिवार का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर गौरव की अनुभूति हो रही है। सम्पूर्ण परिवार को मेरा प्रणाम् निवेदित है।
At 3:11am on October 16, 2015, Sheikh Shahzad Usmani said…
तहे दिल बहुत बहुत धन्यवाद सम्मान्य मंच ओबीओ, संचालक महोदय ,प्रधान संपादक महोदय तथा निर्णायक मंडल। यह मेरे लिये अत्यंत प्रसन्नता व हौसला अफज़ाई का अविस्मरणीय शुभ अवसर है। आपके निर्देश व मार्गदर्शन के अनुपालन की पूरी कोशिश करूँगा।

_शेख़ शहज़ाद उस्मानी
शिवपुरी म.प्र.
At 10:03pm on September 16, 2015, pratibha pande said…

आदरणीय ,इस सम्मान के लिए मै ओबिओ के मंच और प्रबंधन समूह  की तहे दिल से आभारी हूँ 

At 4:05pm on September 16, 2015, Ravi Shukla said…
आदरणीय गणेश जी सितम्‍बर 2015 के लिये 'महीने का सक्रिय सदस्‍य' से समानित होन पर गर्व का अनुभव हो रहा है आपका, प्रबधन समूह का और ओ बी ओ मंच का हार्दिक आभार ।
At 9:28am on September 4, 2015, Harash Mahajan said…
मुझे सम्मानित करने हेतु मैं दिल से "ओ बी ओ" तथा आदरणीय बागी जी आपका दिल से बहुत आभारी हूँ । सच कहूँ तो देरी होने का कारण सिर्फ इस थ्रेड से अनभिज्ञता तथा मेरे मोबाइल के छोटे अक्षर ही रही । इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ । मैं अपने ईमेल से अपना पता भी प्रेषित करता हूँ । सादर !!!!
At 4:43pm on July 20, 2015, kanta roy said…
मुझे सम्मान देने हेतु तहे दिल से आभार आदरणीय गणेश जी बागी जी । मेरी व्यस्तता की वजह से मै आपके इस मेल सम्बन्धी सूचना में देर कर दी हूँ । इस बाबत क्षमाप्रार्थी हूँ । अभी मै अपना मेल आई डी प्रेषित करती हूँ । सादर नमन
At 11:10am on July 16, 2015, Rita Gupta said…

आदरणीय महोदय ,

आपके कहे अनुसार मैंने मेल कर दिया है अपने पता और फोन नंबर सहित .माह की रचना कही जाने से मेरी कृति धन्य हुई . मैं योगराज सर और OBO परिवार को धन्यवाद प्रदान करतीं हूँ कि इस  सम्मान के योग्य  मुझे समझा . 

आभार .

At 11:32pm on June 26, 2015, Santlal Karun said…

आदरणीय श्री गणेश जी ‘बागी’ 

 

महोदय,

सादर अभिवादन ! महोदय, 9 अगस्त 2014 को आप ने मेरे ब्लॉग के कमेंट वाल पर अपनी टिप्पणी के माध्यम से मुझे मेरी ग़ज़ल "माँ, बहन, बेटी के आँसू" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" के रूप में सम्मानित किए जाने तथा 'प्रसस्ति पत्र' प्रदान करने की सूचना दी थी | आप के निर्देशानुसार मैंने अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर तभी भेज दिया था, किन्तु मुझे आज तक 'प्रशस्ति पत्र ' प्राप्त नहीं हुआ है और मेरा पता  भी बदल गया है | अब मैं केन्द्रीय विद्यालय, सुलातानपुर की जगह केन्द्रीय विद्यालय, गणेशपुर रोड, बस्ती (उ.प्र.) में कार्यरत हूँ | अब मेरा पत्राचार का वर्तमान पता निम्न लिखित है—

            

             “टाइप IV/1, टीचर्स कॉलोनी

             गणेशपुर रोड, केन्द्रीय विद्यालय

             बस्ती (उ.प्र.)

                पिन – 272002

                फोन नं. – 9839429556” 

  

       आप ने ‘प्रशस्ति पत्र’ भेजा था या नहीं, कृपाकर अवगत कराएँ | साथ ही दोनों ही स्थितियों में, आशा है आप ‘प्रशस्ति पत्र’ अवश्य भेज देंगे |

सद्भावनाओं सहित |

भवदीय,

संतलाल करुण

At 4:37pm on June 25, 2015, Dr Ashutosh Mishra said…

आदरणीय बागी जी ..विगत कुछ दिनों से पारिवारिक सदस्यों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारन अपने इस प्रिय मंच से दूर रहना पड़ा ..आज स्थितियों से थोडा उबरने पर पुनः इस मंच से जुड़ने का सौभाग्य मिला और साथ में आपका हौसला बढाता हुआ सन्देश मिला ..मैं यह सम्मान प्रदान करने के लिए मंच का और आपका आभारी हूँ ..मेरा मेल आई डी जिस पर मैंने ये खाता खोला था किसी कारण वश खुल नहीं पा रहा है ..मैं कोशिस करूंगा और मेल करूंगा ..एक बार पुनः ह्रदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सादर 

At 3:58pm on June 24, 2015, मनोज अहसास said…
आदरणीय बागी जी
पहले आपका पुनः आभार
किसी व्यस्तता के कारण मेल नहीं भेज सका
और मेरा gmail account कुछ समस्या होने की वजह से खुल नहीं रहा है
क्या मैं यहीं आपके box में अपना पता लिख दू
या फ़ोन पर बता दूँ
या फिर account सही होने की wait करता हु
जैसा आप निर्देश दे
और एक निवेदन ये है कि
कृपिया एहसास की जगह अहसास लिख दे
आभार
सादर
At 6:12pm on June 8, 2015, Nidhi Agrawal said…

आदरणीय बागी जी .. मैं बहुत दिनों से व्यस्त रही .. ओबिओ पर आना ही नहीं हो पाया इसलिए आप का सन्देश भी नहीं देखा. मुझे यह सम्मान प्रदान करने के लिए मंच की बहुत बहुत आभारी हूँ ,, 

लेकिन अपनी तस्वीर मैं व्यक्तिगत कारणों से मंच पर प्रस्तुत नहीं कर सकती . इसलिए माफ़ी चाहती हूँ. यह बात मैंने मंच के संचालक मंडल से पहले बता दी थी 

At 4:10pm on May 4, 2015, Dr Ashutosh Mishra said…

आदरणीय बागी जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ..आपने जिस साहित्यिक मंच का सपना देखा वह मंच ऐसा अद्भुत मंच है कि उससे जुड़कर मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता हूँ ..आपके मार्गदर्शन में यह साहित्यिक मंच ऐसे ही फलता फूलता रहे इस कामना के साथ सादर

 

At 7:30am on May 4, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…
आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
At 8:13pm on April 30, 2015, shashi bansal goyal said…
हार्दिक आभार Er Ganesh jee bagi जी।आपकी टिप्पणी बहुत हौसला वर्धक है ।सादर धन्यवाद ।
At 8:12am on April 17, 2015, Mohan Sethi 'इंतज़ार' said…

आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi जी तहे दिल से आभारी हूँ ! कहना चाहूँगा की इस सम्मान से उत्साहित हूँ और मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है ! इस प्रोत्साहन से मेरे प्रयास को तेजी मिलेगी ताकि मैं और अच्छा लिख सकूँ ! आप सब गुणीजनों से मार्गदर्शन की अपेक्षा रहेगी ! सादर

At 1:55pm on April 16, 2015, Krish mishra 'jaan' gorakhpuri said…

आदरणीय

गणेश जी बागी सर,

एवम् समस्त OBO टीम को का बहुत बहुत आभार,जिन्होंने मुझे इस सम्मान के लायक समझा,obo मंच से जुड़ना मेरे लिए स्वयं में ही सौभाग्य का विषय है,मेरा पूरा प्रयत्न यही रहेगा की मै भविष्य में भी इसी प्रकार मंच से जुड़ा रहूँ,और अपना यथासंभव सहयोग देता रहूँ!obo के रूप में एक नया परिवार पाकर मै अभिभूत हूँ!!

                                                                                                    

At 9:14pm on January 15, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीय एडमिन महोदय, इस सम्मान के लिए आपने मुझे लायक समझा, ये मेरा सौभाग्य है.  मैं एडमिन आदरणीय बागी सर एवं मंच प्रबंधन का ह्रदय से आभारी हूँ. 

At 4:02pm on January 3, 2015, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

नए वर्ष में         नए हर्ष में

सुधियों     का      मकरंद i

जीवन का परिमल बन जाए

महकाये      हर      छंद I

      -गोपाल नारायन  श्रीवास्तव

At 6:23pm on December 17, 2014, umesh katara said…

महीने का सक्रिय सदस्य बनाने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय बागी जी 

At 5:51pm on December 15, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आ०  बागी जी

सादर आभार  i अशरफुल मखलूकात का एर्थ है जीवधारियों में शिरोमणि अर्थात मानव  i ससम्मान i

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