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"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 25

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर वन्दे |

ओबीओ लाईव महा-उत्सव के 25 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | पिछले 24 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने 24 विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है | जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है | इस आयोजन के अंतर्गत कोई एक विषय या एक शब्द के ऊपर रचनाकारों को अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करना होता है | इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक - 25
 

विषय -  दीपावली 

आयोजन की अवधि-  9 नवम्बर दिन शुक्रवार से 11 नवम्बर दिन रविवार तक

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपनी कल्पना को हक़ीक़त का रूप | बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य-समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए | महा-उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित पद्य-रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है | साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --


तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक

शास्त्रीय-छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि)

अति आवश्यक सूचना -- OBO लाइव महा उत्सव अंक- 25 में सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ ही दे सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा | यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो शुक्रवार 9 नवम्बर लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

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महा उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन टीम)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

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Replies to This Discussion

@@ आतिशबाज़ी की कथा, खूब कहे हैं आप

आतिशबाजी की  प्रथा , है काफी प्राचीन

हमने देखे सीरियल ,एक नहीं दो - तीन

एक नहीं दो - तीन,बाण जब टकराते थे

चिंगारी  के  फूल , गगन में बरसाते थे

चीन पटाखा बाप, खबर ये ताजी-ताजी

अर्वाचीन समझते थे हम आतिशबाजी ||

कुंडलियों की आतिशबाजी यहाँ देखने को मिल रही है 

आदरणीय योगराज जी ने रॉकेट छोड़ा ऊपर पहुंचकर गजब की आवाज से फूटा.....

और कुंडलियो के रूप में सितारों  की बरसात ओ.बी.ओ.महोत्सव का पटल 

जगमग जगमग हो गया 

आदरणीय योगराज जी 

आदरणीय सौरभ जी 

आदरणीय अलबेला जी 

आदरणीय अरुण जी 

दीपावली का अहसास कराता आपके इस  काव्यमय अनुभूति ने  ने दीप प्रज्वलित कर दिया है 

अदभुत संवाद 

आप सभी विद्वान जनों   को  हार्दिक बधाई 

साथ दीपावली की हार्दिक शुभकामना 

आदरणीय अरुण भाईजी.....

अपने तो हैं फ़िल्म में, मीत ग़ज़ब के दृश्य..
होती कथा पुराण की, लेकिन दिखे भविष्य
लेकिन दिखे भविष्य, रथों के चक्के ’टायर’
लिये सारथी हाथ, अश्व को हंटर ’फ़ायर’.. .
सो मत कहना मीत, ’चमके’ बाण हैं कितने
बुद्धि समझ से नीम, कई निर्देशक अपने .. .

खरी बात महाप्रभु !

आदरणीय गुरुदेव जी, सादर 

शुद्ध कुछ शेष नहीं अब सब है अशुद्ध 

वाणी से चर्चा करें ग्यानी और प्रबुद्ध 

 ग्यानी और प्रबुद्ध मिल लाख समझाएं 

आती न समझ किसीके पटाखे खूब जलाएं 

होता पर्यावरण प्रदूषण बढ़ जाती  बीमारी 

लाख समझाओ न ये माने कैसे समझाएं 

बोलो मेरे मीत दिवाली कैसे हम फिर मनाएं 

सादर . 

आदरणीय अविनाश बागडे साहब, महोत्सव का फीता काटने हेतु सर्वप्रथम बधाई स्वीकार करें, सभी दोहें विषय के अनुकूल बन पड़ें हैं, पर्यावरण वाले दोहें को एक बार देख लें | बधाई इस अभिव्यक्ति पर |

बहुत-बहुत आभार......Er. Ganesh Jee "Bagi"  जी 

सुन्दर है दोहावली, सुन्दर हैं संदेश
हर इक पहलू छू लिया, छोड़ा न कुछ शेष

बहुत-बहुत आभार......योगराज जी 

शुभकामनायें आदरणीय

अविनाश जी ।

सुन्दर दोहे ।।

बहुत-बहुत आभार.

दीपावली की ज्योतिमयी हार्दिक शुभकामनाए । सुंदर दीप मान दोहे से आगाज पर हार्दिक बधाई -
दीपमान दोहे अच्छे, जगमग करती आस
ज्योतिर्मय जीवन करे,मन में है विश्वास ।-लक्ष्मण

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