For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवपल को दे अर्थ (दोहें) - लक्ष्मण रामानुज

दो हजार पंद्रह मने, योग लिए है आठ,

मानो यह नव वर्ष भी,लेकर आया ठाठ |

 

 नए वर्ष का आगमन, खुशिया मिले हजार,

सबको दे शुभ कामना, दूर करे अँधियार |

 

रश्मि करे अठखेलियाँ, आता तब नववर्ष

प्राची में सौरभ खिले, सुखद धूप का हर्ष |

 

अच्छे दिन की आस रख, ह्रदय रहे सद्भाव

दूर करे नव वर्ष में, रिश्तों से  अलगाव |

 

 

स्वागत हो नव वर्ष का,लेता विदा अतीत,

प्रथम दिवस के भोर से, शुभ हो समय व्यतीत |

 

समय चक्र गतिशील है, समय जायगा बीत,

गया वक्त मिलता नहीं, यही समय की रीत |

 

बीती ताहि बिसार कर, नव पल को दे अर्थ

भूले कष्ट अतीत का, हो न आज यूँ व्यर्थ |

 

विभू हमें देना सदा, अमर प्रेम की गंध,

प्रेम प्रीत दिल में रहे, सद्भावी सम्बन्ध |

 

धरती माँ की गोद में, आया है नववर्ष,

भाव भरों माँ शारदे, जीवन में उत्कर्ष |

 

ज्ञानोदय पथ पर बढे, सार्थक करे विमर्श,

सजे भाल माँ भारती, तभी सृजित नववर्ष |

 

रहे न किसी को तनिक, दिल में कोई कर्ष 

सच्चे अर्थों में तभी, शुचित प्रस्फुटित हर्ष |  

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 657

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2015 at 10:50am

नव वर्ष के दोहे पसंद करने के लिए  आभार | नव वर्ष की हार्दिक शुभकानाएं आपको श्री शिजू "शकूर" भाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2015 at 10:29am

आप सभी सहृदयी मित्रों को नव वर्ष की  हार्दिक  शुभकामनाएं श्री (डॉ) विजय शंकर जी, श्री खुर्शीद खैराडी जी और श्री सोमेश कुमार जी -

करे सभी नव वर्ष में, इक दूजे को प्यार, 

निभा सके दायित्व सब, खुशिया मिले अपार |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2015 at 10:23am

आप सभी को  नव वर्ष  की  हार्दिक शुभकामनाएं श्री मिथिलेश  वामनकर जी, श्री  गिरिराज भंडारी  जी और श्री हरी प्रकाश डूबे जी,--------

नए वर्ष का आगमन, खुशिया मिले हजार, 

सबको दे शुभ कामना, दूर करे अँधियार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 1, 2015 at 8:07am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद सर नववर्ष पर अच्छी दोहावली रची है आपने बहुत बहुत बधाई

Comment by khursheed khairadi on December 31, 2014 at 11:47am

स्वागत हो नव वर्ष का,लेता विदा अतीत,

प्रथम दिवस के भोर से, शुभ हो समय व्यतीत |

 

समय चक्र गतिशील है, समय जायगा बीत,

गया वक्त मिलता नहीं, यही समय की रीत |

 

बीती ताहि बिसार कर, नव पल को दे अर्थ

भूले कष्ट अतीत का, हो न आज यूँ व्यर्थ |

 आदरणीय लक्षमण प्रसाद लडीवाला जी सुन्दर दोहावली है |नववर्ष की आपको तथा इस मंच के सभी साथियों को शुभकामनाओं सहित -सादर अभिनन्दन 

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 5:18am
नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं आदरणीय लक्षमण प्रसाद लडीवाला जी।
Comment by somesh kumar on December 30, 2014 at 10:58pm

suner dohe,nv vrsh ke utkrsh me hrshpurvk hardik bdhai nv vrsh evm rchnavo ke lie

Comment by Hari Prakash Dubey on December 30, 2014 at 10:47pm

समय चक्र गतिशील है, समय जायगा बीत,

गया वक्त मिलता नहीं, यही समय की रीत |.........आदरणीय लक्ष्मण जी सुन्दर रचना ,हार्दिक बधाई !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 30, 2014 at 9:58pm

आदरणीय लक्ष्मण भाई , नव वर्ष की शुभकामनायें देते आपके दोहे बहुत अच्छे  लगे ! हार्दिक बधाई स्वीकार करें । 

आदरणीय लक्ष्मण भाई , शिल्प के अनुसार  कुछ दोहों मे मात्रायें कम ज्यादा हैं  और कहीं प्रवाह भी बाधित है , एक बार दोहों की मात्रायें फिर गिन लीजियेगा ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 30, 2014 at 7:15pm

दो हजार पंद्रह का, योग लिए है आठ,

मानो यह नव वर्ष भी,लेकर आया ठाठ |.... वाह सर क्या योग लगाया फिर तुक जमाया आठ के ठाठ ..

बीती ताहि बिसार कर, नव पल को दे अर्थ

भूले कष्ट अतीत का, हो न आज यूँ व्यर्थ |.... सुन्दर दोहा 

आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला सर आपको इन बेहतरीन दोहों की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई और नव वर्ष की मंगल कामनाएं 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit and अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी are now friends
5 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ग़ज़ल ~2122 1122 1122 22/112 तोड़ कर दर्द की दीवार वो बाहर निकला  दिल-ए-मुज़्तर से मिरे एक…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service