For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 48 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ 

17 अप्रैल 2015 दिन शुक्रवार से 18 अप्रैल 2015 दिन शनिवार तक.

इस बार के आयोजन के लिए जिस छन्द का चयन किया गया है, वह है –  शक्ति छन्द

शक्ति छ्न्द के आधारभूत नियमों को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें...

एक बार में  अधिक-से-अधिक तीन शक्ति छन्द प्रस्तुत किये जा सकते है. 

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 217 अप्रैल 2015 से  18 अप्रैल 2015 यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

  • ओ बी ओ के सभी आधार नियम यहाँ भी लागू होंगे तथा केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.
  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.  आयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 7666

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

दूसरी प्रस्तुति भी बहुत बढ़िया बनी है आ० सत्यनारायण जी बहुत- बहुत बधाई 

इधर धान रोपें कृषक टोलियाँ  

उधर लग रहीं हैं भवन बोलियाँ

कृषक आत्म हत्यार्थ मजबूर हैं

प्रशासक जहाँ पर बने सूर हैं------- अनुपम और यथार्थ भावों की सुंदर प्रस्तुति  के लिए हार्दिक बधाई श्री सत्यनारायण सिंह जी 

चित्र को आपने आवाज दे दी है, क्या कहने ..

निरंकुश प्रगति की झलक देख लें

मिली जो विरासत उसे लेख लें

इन दो पक्तियों ने पूरी रचना में चार चाँद लगा दीं हैं, बहुत बहुत बधाई.

शान्दार ! शान्दार !!

आदरणीय सत्यनारायणजी, आपकी इस प्रस्तुति के कथ्य पर बार-बार बधाइयाँ. जिस गहराई से आपने आज के संदर्भ को प्रदत्त चित्र के माध्यम से उठाया है वह आपकी गहन दृष्टि का परिचायक है. आपकी रचना-यात्रा के हम सभी साक्षी हैं और हमें आप पर गर्व है.

इधर धान रोपें कृषक टोलियाँ  

उधर लग रहीं हैं भवन बोलियाँ

कृषक आत्म हत्यार्थ मजबूर हैं

प्रशासक जहाँ पर बने सूर हैं....  .  ... अद्भुत !

सादर शुभकामनाएँ और हृदय से बधाइयाँ

आदरणीय, शिल्प की दृष्टि से इसी प्रस्तुति को तनिक हेर-फेर कर और संप्रेषणीय बनाया जा सकता है. एक कोशिश कर रहा हूँ. ताकि आपकी दृष्टि और व्यापक हो और हम सभी लाभान्वित हों -

निरंकुश प्रगति की झलक देख लें
मिली क्या विरासत ज़रा लेख लें
शहर गाँव में अब घुसे से लगें .... (आपकी पंक्ति शहर गाँव में अब बसने लगे में मात्रिक त्रुटि है)
कृषक बन्धु हतप्रभ ठगे से लगें  

इधर धान रोपें कृषक-टोलियाँ  
उधर लग रहीं हैं भवन बोलियाँ
कृषक आत्म हत्यार्थ मजबूर हैं
प्रशासक मगर क्यों बने सूर हैं

वही कर सके है जगत का भला
भलाई लिये जो परख कर चला
करें लक्ष्य का हम चयन तो सही
कहे जा रही है सिमटती मही

आप उपर्युक्त परिवर्तनों को सुधार के लिए सुझाव न मान कर केवल संप्रेषणीयता के लिहाज से पंक्तियों को साधे जाने की तरह देखें.

आप इससे भी बेहतर कर सकते हैं, आदरणीय

सादर

 आदरणीय  सत्यनारायण सिंह जी ,आपकी  यह प्रस्तुति  भी शानदार है , बधाई ! सादर 

आदरणीय सत्यनारायण जी ,

वाह .... इस छंदोत्सव में आपकी  इस  दूसरी सार्थक रचना पर  हृदय से बधाई स्वीकार करें। 

इधर धान रोपें कृषक टोलियाँ  

उधर लग रहीं हैं भवन बोलियाँ

कृषक आत्म हत्यार्थ मजबूर हैं

प्रशासक जहाँ पर बने सूर हैं........................किसान के आज के हालात पर बहुत सटीक पंक्तियाँ , सुन्दर शब्द चयन 

शहर गाँव में अब बसने लगे............इस पंक्ति की मात्रा पुनः देख लें 

सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई 

          

आदरणीय सतय नारायण भाई  दूसरी प्रस्तुति भी चित्रानुरूप एक कड़्वी सच्चाई बयान करती हुई लगी !! आपको रचना के लिये हार्दिक बधाइयाँ ॥

आदरणीय सत्यनारायण सिंह साहब यह प्रस्तुति भी आपकी बहुत  सुन्दर हैं बहुत-बहुत बधाई. स्वीकारें. सादर. 

शक्ति छन्द

उगा गाँव के तट नगर आज है
भवन जो  उठा सर रहे नाज है
मगर एक गरिमा  रही खेत की
बुझाता  सदा अग्नि वह पेट की

जुते रात दिन जो फसल के लिए
वही हाथ  निर्धन  बरस भर जिए
मरे भूख  से  आज हलधर जहाँ
फले  खेत कैसे  भला  तब वहाँ

बिकेगा  सहज  खेत क्यों ना भला
सदा   हाकिमों   ने  उसे  है  छला
कलम पीर तुम ही लिखो खेत की
इबारत   मिटाओ   उठो   रेत  की
 
मौलिक और अप्रकाशित

प्रदत्त चित्र को सार्थक करता हुआ  बहुत बढ़िया छंद लिखा है आ० लक्ष्मण भैया ,दिल से बधाई 

आ0 राजेश बहन , शक्तिछन्द पर यह पहला प्रयास है । आपके अनुमोदन से लगा है कि इसमें कोई चूक नहीं हुई । अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं, आपकी सदाशयता भी हमसभी के लिए अनुकरणीय…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार , सलाह के अनुसार सुधार के लिए  प्रयास…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु भाई , आपने सही पहचाना , आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानूंगा आदरणीय। यह…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत भाई , शारीरिक परेशानियों के चलते बहुत समय तक मंच से दूर रहा हूँ , अब फिर से प्रयास…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service