आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय सतविंद्र जी प्रदत्त विषय को बड़ी खूबसूरती से उकेरा है आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
लघुकथा के अंत ने इस लघुकथा को नये आयाम तक पहुंचा दिया। इस सार्थक कथा के लिए आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अंत बढ़िया है रचना का, तमाशा देखने में कभी कभी खुद भी चोट खा जाते है लोग| बधाई आपको
जनाब सतविंदर कुमार साहिब ,प्रदत्त विषय को सार्थक करती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
बुंदेलखण्डी में एक कहावत है :- दोई पलीतों (मशालों) दे दओ तेल तुम नाचो हम देखें खेल ।कहावत के चित्रण हेतु बधाई आदरणीय सतविंदर जी ।
प्रदत्त विषय को पूर्णतः परिभाषित करती हुई शानदार लघु कथा हार्दिक बधाई आ० सतविंदर कुमार जी |
सर्वहित सत्यवादी सच में थे 'आग लगाऊ मिथ्यावादी' हश्र भी सही हुआ अंत में, पर ये भी सत्य है कि ये लोग बाज कभी नहीं आते
सुन्दर सहज शिल्प में कसी प्रभावशाली कथा ..ढेरों बधाई स्वीकार करें आदरणीय सतविंदर जी
aadrniya
bahut saras aur sahaj katha hei aapki aur tamashbini ki pravrti vale logo ko sahi se pribhasit bhi kiya jo kewal kuntha ke karan bhus me aag lagate hei sath me chetavani bhi ki antotgtva unko bhi dand to milega hi
हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर जी!आपकी लघुकथा इस गोष्ठी की जान है!बेहतरीन प्रस्तुति!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |