आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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मोहतरमा जानकी वाही साहिबा , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
मार्मिक शिल्प उम्दा कथ्य का सृजन किया है आपने
हैरत की बात है अपने ही अंश से पल्ला झाड़ते अपने लोग |बहुत मार्मिक लघु कथा लिखी है प्रिय जानकी जी दिल छू गई |हार्दिक बधाई आपको |
बहुत ही मार्मिक रचना, विरासत सम्भालने वाले चिराग को कोई सम्भालने को तैयार नहीं| इस रचना के सृजन हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया जानकी जी |
हार्दिक बधाई आदरणीय जानकी जी।बेहतरीन लघुकथा।बहुत मार्मिक और संवेदन शील वर्णन किया है!
बढ़िया लघुकथा है आदरणीया जानकी वाही जी, बहुत-बहुत बधाई!
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