आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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आ० अनुज , आपकी पारखी दृष्टि का कायल हो गया. दरअसल इस कथा में पहले टेप का प्रसंग नहीं था , बाद में जब यह प्रसंग आया तो एडिटिंग में चूक हो गयी , आपका बहुत आभार अब मैं इसे सुधार लूंगा . सादर .
बढ़िया कथा आदरणीय | हार्दिक बधाई |
प्रदत्त विषय पर सुन्दर कथानाक बुना है आपने ...हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय ...सादर
हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल नारायण जी। बेहतरीन प्रस्तुति।
रचना का भाव तो समझ में आ रहा है लेकिन बहुत स्पष्ट नहीं लगी मुझे| बधाई विषय के अनुरूप इस रचना के लिए
अच्छी लघु कथा हुई सतविन्द्र भैया बहुत बहुत बधाई |
मोहतरम सतविंदर कुमार साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
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