आदरणीय साथिओ,
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राजनीतिक उठापटक और जिम्मेदार लोगों की संवेदनहीनता ..आम परिद्रश्य हो गया है आज ....आपको बधाई इस सार्थक अभिव्यक्ति के लिए आदरणीय और संग में दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ... सादर
मोहतरम विजय शंकर साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती , सियासत की पोल खोलती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
आदरनीय विजय शंकर जी, बहुत ही सुंदर लघुकथा, जो आज के यथार्थ को पेश करती , यहाँ समस्या का हल नहीं लीपापोती व् राजनीती होती है
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