आदरणीय साथिओ,
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मैं कथा में भँवर तलाशता रहा फ़िलहाल गले की हड्डी से ही संतोष है .
अच्छी लघुकथा है, सन्देश भी अच्छा हैI लेकिन रचना में सम्पादन की जबर्दस्त गुंजाइश है, उसके बाद कथा उभर कर सामने आएगी आ० नीता कसार जीI
अच्छी लघु कथा लिखी है आद० नीता कसर जी बहुत- बहुत बधाई|
बढ़िया रचना विषय पर, बहुत बहुत बधाई आपको
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