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जनाब अनीस शेख साहब ...अच्छे शेर कहे हैं ......दिली दाद और मुबारकबाद कबूल कीजिये|
अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय मोहम्मद अनीस शेख जी| हार्दिक बधाई|
आदरणीय अनीस साहब, अच्छे अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.
आ० अनीस जी खूबसूरत ग़ज़ल कहने के लिए बधाई स्वीकार करें
आदरणीय,गजल के लिए बधाई। शब्दों के मध्य में मात्रा पतन खटकता है।इससे बचा जा सकता है।
जनाब अनीश शेख जी, आपकी ग़ज़ल बता रही है कि आपको बहुत दूर जाना है, अच्छी ग़ज़ल बहुत बहुत मुबारक हो.
राज़ दिल का सुना गया है मुझे
ग़ज़ल क्या खूब हुई हार्दिक बधाई आपको, गिरह भी खूब लगाई है आपने।
एक बात और पुछल्ले में आपका दर्द खूब नुमायाँ हो रहा है, हा..हा..हा.. :-)))
बहुत बहुत आभार आदरणीय शिज्जु शकूर जी।
जनाब गणेश जी "बाग़ी" साहिब आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
दिल के बदले वो मेरा दिल लेकर'
इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें,मिसरा यूँ करें तो ऐब निकल जायेगा:-
'दिल के बदले वो लेके दिल मेरा'
पिछल्लु ख़ूब मज़ा दे रहे हैं,हा हा हा..
आदरणीय समर कबीर साहब, प्रणाम, ग़ज़ल पसंद आयी इसके लिए बहुत बहुत आभार, आपके इस्लाह के अनुसार मिसरा में सुधार करूँगा। सादर।
बेहद बेशकीमती मशविरा आ० समर कबीर साहिब.
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