आदरणीय साथिओ,
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आदाब। अपनी राय से वाक़िफ़ कराते हुए मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया रचना भाटिया जी।
वाह, बहुत खूबसूरत रचना विषय पर. इसी समझ और सोच की बहुत जरुरत है आजकल के माता पिता को. बहुत बहुत बधाई इस बढ़िया रचना के लिए आ शेख शहज़ाद उस्मानी साहब
आदाब। बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है आपने। मेरी इस रचना पर समय देकर अपनी राय व विचारों को साझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय विनय कुमार साहिब।
आदरणीय शेख उस्मानी जी, कमाल की सुंदर लघुकथा के लिए आप जी को बहुत बधाई हो
आदाब। मेरी प्रविष्टि पर अपना अमूल्य समय देने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मोहन बेगोवाल जी।
*अस्तित्व*
मेज़ पर पड़े मोबाइल में बड़ी सुंदर धुन बज रही थी ।जैसे ही बंद हुई ,अलार्म घड़ी बोली ,"मोबाइल जी, फिर से बजाइये न, बड़ा ही प्यारा गीत है "। मोबाइल उसी समय उसे हड़काते हुए बोला," चलो चलो ,खुद तो किसी काम की हो नहीं। मुझे और भी बहुत काम होते हैं सिवा गीत बजाने के"।
अलार्म घड़ी अपना सा मुंह लेकर रह गई।दीवार पर टंगे कैलेंडर ने मोबाइल से कहा ," हम मानते हैं भाई, तुम्हें बहुत काम होते हैं मगर यह तरीका तो ठीक नहीं बात करने का "।
"तुम तो चुप ही रहो कैलेंडर भैया।अगर इस घड़ी में रोहन भैया की फोटो ना होती और तुम उनको स्कूल से मुफ़्त में न मिले होते तो यह टेबल पर और तुम दीवार पर नज़र नहीं आते। तुम दोनों का ही क्या, मैं तो हाथ घड़ी, केलकुलेटर और आजकल तो कंप्यूटर का भी काम करने लगा हूं। रोहन भैया का तो एक पल भी नहीं गुज़रता मेरे बिना।तुम लोग तो यूं ही उसके कमरे में जगह घेरे हो"।
वो सब तो हम मानते हैं मोबाइल भैया लेकिन इतना गुरुर भी ठीक नहीं ।माना कि तुम समय भी बताते हो,लेकिन हाथ पर तो मैं ही जँचती हूँ। हर चीज़ का अपना महत्व होता ही है", हाथ घड़ी भी चुप ना रह सकी।
मोबाइल ने तुरंत ही फिल्मी अंदाज में इतराते हुए कहा," मेरे पास अपना एक नंबर है, पहचान है ,नाम है, तुम्हारे पास क्या है?"
तभी एक हाथ बढ़ा और उसने मोबाइल को पीछे से खोला।बैटरी और सिम हटाये जाने से पहले रोहन की इतनी ही आवाज़ सुन पाया मोबाइल," थैंक यू पापा मेरे लिए नया स्मार्ट फोन लाने के लिए । मैं अभी इसमें सिम चेंज करता हूं" ।
स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
अंजलि गुप्ता 'सिफ़र'
घमंड किसी भी चीज का अच्छा नहीं, बढ़िया प्रेरणादायक रचना विषय पर. बहुत बहुत बधाई आ अंजलि गुप्ता जी
आदरणीय विनय कुमार जी, उत्साहवर्धन हेतु दिली शुक्रिया
अंजलि गुप्ता जी, लाजवाब,अंत तक बांधे रखने वाली अच्छी लघुकथा ।बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीया रचना जी , उत्साहवर्धक टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार
बहुत सुंदर लघुकथा आदरणीय अंजली जी , बधाई आपको ,सादर
बरखा जी, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार
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