For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Vindu Babu
  • Female
  • hardoi-up
  • India
Share on Facebook MySpace

Vindu Babu's Friends

  • seemahari sharma
  • JAGDISH PRASAD JEND PANKAJ
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • Alok Mittal
  • Madan Mohan saxena
  • Sumit Naithani
  • D P Mathur
  • जितेन्द्र पस्टारिया
  • शिज्जु "शकूर"
  • Priyanka singh
  • यशोदा दिग्विजय अग्रवाल
  • Usha Taneja
  • Ketan Parmar
  • annapurna bajpai
  • कल्पना रामानी
 

Vindu Babu's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
hardoi
Native Place
sakhin
Profession
teaching
About me
मैं नन्हा सा पथिक विश्व के पथ पर चलना सीख रहा हूं....

Vindu Babu's Photos

  • Add Photos
  • View All

Vindu Babu's Blog

समर्पण....सॉनेट महर्षि अरविन्द

ऐ प्रकृति,सूक्ष्म आत्मा तुम रहती हो मुझमे

मैं गेह मात्र हूँ,तुम ही इसकी सत वासी

नश्वर अस्तित्व हमारा मिलने दो खुद में;

बन जाने दो मुझे अलौकिक दैवी राशी।

मन तुझे दिया,अपने मन का तुम पथ गढ़ना

सभी समर्पित इच्छाएं,ये तेरी हो जावें

पीछे कोई अंश हमारा नहीं छोड़ना

अद्भुत,नीरव सा मिलन हमारा हो जावे।

तेरा प्रेम,जग-प्राण,मेरा उर उसी संग

स्पन्दित होगा,और मेद, मेदनी हित।

नसों शिराओं में होगी…

Continue

Posted on May 27, 2014 at 11:00pm — 16 Comments

नन्हीं सी चिनगारी

निष्प्राण कभी लगता

जीवन

निर्मम समय-प्रहारों से

सूख-बिखरते,बू खोते

सुरभित पुष्प अतीत के.

निश्चेत 'आज' भी होता

भावी शीतल-शुष्क

हवाओं की आहट पाने को.

फिर भी कुछ अंश

जिजीविषा के रहते

गतिमान रखें जो तन को

निरा यंत्र-सा.

जो हेतु बने

दाव,हवन,होलिका के

या अस्तित्व मिटाती

झंझावर्तों में

चिनगारी...

वही एक नन्हीं सी.

द्युतिमान रहूँ मैं भी

हों तूफान,थपेड़े

या…

Continue

Posted on April 30, 2014 at 10:30pm — 30 Comments

भावों के विहंगम

तेरे फड़फड़ाते पंखों की छुअन से

ऐ परिंदे!

हिलोर आ जाती है

स्थिर,अमूर्त सैलाब में

और...

छलक जाता है 

चर्म-चक्षुओं के किनारों से

अनायास ही कुछ नीर.

हवा दे जाते हैं कभी

ये पर तुम्हारे

आनन्द के उत्साह-रंजित

ओजमय अंगार को,

उतर आती है

मद्धम सी चमक अधरोष्ठ तक,

अमृत की तरह.

विखरते हैं जब

सम्वेदना के सुकोमल फूल से पराग,

तेरे आ बैठने…

Continue

Posted on February 9, 2014 at 2:00pm — 32 Comments

भोली आस्था

एक मासूम...

तल्लीनता से जोर-जोर पढ़ रहा था

क-कमल,ख-खरगोश,ग-गणेश।

शिक्षक ने टोका

ग-गणेश! किसने बताया?

बाबा ने...

माँ और पिता को सब कुछ माना

तभी तो सबसे बड़े देव हुए।

नहीं,गणेश नहीं कहते

संप्रदायिकता फैलेगी

जिसे तुम समझो झगड़ा. .विवाद

ग-गधा कहो बेटे।

आस्था भोली थी

बाबा के गणेश,मसीहा और अल्लाह से रेंग

'गधे' में शांति खोजने…

Continue

Posted on February 2, 2014 at 4:50am — 17 Comments

Comment Wall (28 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:42pm on February 10, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 12:18pm on June 24, 2014, JAGDISH PRASAD JEND PANKAJ said…

मित्रता स्वीकार के लिए धन्यवाद ! Vindu  Babu  .

At 3:14pm on May 11, 2014, Dr Ashutosh Mishra said…
आदरणीया बिंदु जी ...महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई ..
At 8:33pm on May 7, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीया सुश्री विंदू बाबू जी,

सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।

आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 4:53pm on March 2, 2014, Vinay Kull said…

aapka swagat hai.

At 12:36pm on February 11, 2014, vijay nikore said…

//vandana tiwari's blog post was featured//

इस सम्मान के लिए आपको हार्दिक बधाई, आदरणीया।

सादर,

विजय

At 6:16am on February 10, 2014, vijay nikore said…

आदरणीया वन्दना जी:

 

जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ... आपका जीवन मंगलमय हो ... आपके कर कमलों से किए सब कार्य सफ़ल हों .. आप सुखी रहें, प्रसन्न रहें।

 

सादर,

विजय निकोर

At 12:16pm on January 6, 2014, विजय मिश्र said…
प्रिये वंदनाजी ,
स्नेह एवं नववर्ष की अनेकानेक मंगलकामनाएं |
नववर्ष आप के लिए सृजन और स्रजन की अपार सम्भावनाओं का वर्ष सिद्ध हो ,जीवन आनन्द से भरा रहे ,इन्हीं शुभकामनाओं के साथ मित्रता के आमंत्रण के लिए ह्रदय से आभारी |
At 10:47pm on December 1, 2013, annapurna bajpai said…

प्रिय वंदना हमारी मित्र मंडली मे आपका स्वागत है । 

At 10:35pm on November 29, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

वंदना जी

आपने गीता के दुसरे अध्याय  के अनुशीलन को पसंद किया i आभार i किन्तु यह पूरा नहीं है  यदि माँ ० एडमिन की अनुमति होगी  तभी इसे पूरा किया जा सकेगा  i  आपने गीता में रूचि दिखाई यह गौरव की बात है  i आपको  एतदर्थ बधाई i पुनश्च आभार i

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service