For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 24414

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ० विवेक जी खूबसूरत ग़ज़ल कहने के लिए बधाई स्वीकार करें

आदरणीय विवेक राज साहब ...इस मुरस्सा कलाम के लिए ढेर सारी दाद ..एक एक शेर नगीने की तरह जड़ा हुआ ...बहुत खूब|

बहुत ही उम्दा ग़ज़ल प्रस्तुत हुई है, सभी अशआर अच्छे लगें, बधाई आदरणीय विवेक राज़ जी.

2122    1212              112/22

फख्र से फिर छला गया है मुझे। 
ज़ह्र बेशक दिया गया है मुझे।।
.
वो सियासत में दांव चलचल कर। 
मक्तलों तक बुला गया है मुझे।।
.
फिर मिटाने की साजिशें लेकर। 
वो गले से लगा गया है मुझे।।
.
कर रहा बेमिसाल तकरीरें। 
रफ़्ता रफ़्ता जो खा गया है मुझे।।
.
जिंदगी एक तिश्नगी भर है। 
वो हकीकत बता गया है मुझे।।
.
छेड़िये हक़ की बात मत यारो। 
फैसला वह सुना गया है मुझे।।॰
.
फ़िक्र का जिक्र करके ज़ालिम तो। 
बेख़ुदी में जला गया है मुझे।।
.
हूँ मैं खामोश ज़ुल्म पर कितना। 
सब्र करना तो आ गया है मुझे।।
.
अब न कीजै यकीन जुमलों पर। 
वक्त इतना सिखा गया है मुझे।।
.
तुम तरक्की पे मत करो चर्चा। 
कायदा वो पढ़ा गया है मुझे।।
.
तख़्त देते हैं मन्दिरो मस्जिद। 
आजकल कौन पूछता है मुझे।।

           नवीन मणि त्रिपाठी
          मौलिक अप्रकाशित

अच्छा प्रयास है.... और मेहनत करके सीखना होगा !!!

आदरणीय अजीत शर्मा आकाश जी, आपने सही कहा कि मेहनत कर सीखना होगा, कुछ आप इस्लाह करते तो बढ़िया होता। 

आदाब। मापनी और अंत में अपना नाम लिखने की आवश्यकता नहीं है। बहुत बढ़िया प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन कुमार त्रिपाठी साहिब।

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

मक्तलों तक बुला  गया  है  मुझे'

इस मिसरे में 'मक्तलों' को "मक़तलों' कर लें ।

' कर   रहा    बेमिसाल   तकरीरें'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें ।

' छेड़िये  हक़  की  बात  मत  यारो'

इस मिसरे में 'छेड़िये' की जगह "छेड़ना"शब्द उचित होगा ।

तख़्त   देते   हैं  मन्दिरो   मस्जिद ।
आजकल  कौन  पूछता  है  मुझे'

इस शैर में रदीफ़ बदल गई है ।

कृपया दुसरो की ग़ज़लों पर अपनी प्रतिक्रया अवश्य दें ।

//कृपया दुसरो की ग़ज़लों पर अपनी प्रतिक्रया अवश्य दें ।//

आ० समर कबीर जी, अपने नवीन भाई भी उसी रेजीमेंट से हैं जिसका नारा है "दागो और भागो।" 

बजा फ़रमाया ।

You mean D&B :-))))))))))

जनाब नवीन मणि साहिब, अच्छे अश्आर निकाले आपने मुबारकबाद क़बूल करें,,,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
23 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
23 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
23 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service