For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य Discussions (244)

← Back to भोजपुरी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

देहियाँ पे गाढ़ा चुंबन

जड़ दिहला हो, रामा ! जड़ दिहला सगरौ देहियाँ पे गाढ़ा चुंबन, जड़ दिहला |   हथवौ से जड़िला, नजरियौ से जड़िला बहियाँ में लइके अँकवरियौ से जड़िला अंगै…

Started by Santlal Karun

8 Dec 15, 2015
Reply by Santlal Karun

सदस्य टीम प्रबंधन

चुनावी दौर के बाद (दोहा छन्द) // --सौरभ

जवन चलीं हम नीक बा, तहरे बाउर चाल !                             [बाउर - ग़लतराजनीति के खेल में, कूल्हि पैंतरा गाल !!                        …

Started by Saurabh Pandey

7 Nov 13, 2015
Reply by Santlal Karun

गजल

वोटर के उद्गार भउजी कहली वोट गिरावल जाई। चलीं नेतवन के समुझावल जाई। बात बनउअल भइल बहुत अब एकनी के आज बतावल जाई। बहुते नाच नचवलख इ सब एकनी क…

Started by Manan Kumar singh

0 Oct 11, 2015

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी गीत : शाबास बबुआ

बबुआ बम्बई में बंगला बनवले बा, बाबू माई के अपना बइलवले बा । टिप टाप बनके रहे दुनों रे परानी, नया युग आइल मरल अखियां के पानी, बबुआ दुधवो मे…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

16 Sep 22, 2015
Reply by indravidyavachaspatitiwari

सदस्य टीम प्रबंधन

गइल भँइसिया पानी में अब (भोजपुरी नवगीत) // --सौरभ

गइल भँइसिया पानी में अब कइल-धइलसब बंटाधार !  बान्हब पगहारउए ढूँसी  सुखहा मोन्हे मूड़ी ठूँसीघींच-घाँच ले आईं रउआ  करीं फेर सेचारा-भूँसी !परल…

Started by Saurabh Pandey

1 Sep 19, 2015
Reply by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"

उछहल मन

गोरी तोहरे संगे हम तर जइबेंतूँ जो नाही मिलबू त मर जइबें तोहरे ही याद में अब जिनगी बिताइलेरोज के सपनवा में तोहरा के पाइलेटूटी जो सपना त बिख…

Started by Pawan Kumar

0 Aug 12, 2015

बात बा(भोजपुरी गजल,मनन कु.सिंह)

बात अब चुनाव के बरिआत के बा, सब त लूटेवाला,देखीं लुटात के बा? बात अब रह गइल बस जात के बा, देखीं ना अब उहाँ गभुआत के बा? का होइ,ना होइ,गइल ग…

Started by Manan Kumar singh

0 Jun 1, 2015

रूप धूप में सुखाई मत(गजल,मनन कु.सिंह)

रूप अपन धूप में सुखाईं मत एने-ओने नजर भटकाईं मत। उछहल हियरा उछलबे करी बेशी ओकरा अब दबाईं मत। कबसे चकोर बा आँख गड़वले चंदनिया अबहुँ चोराईं मत…

Started by Manan Kumar singh

0 May 29, 2015

सदस्य टीम प्रबंधन

भोजपुरी ग़ज़ल // -सौरभ

२१२२ १२१२ २२ साफ़ बोले में बा हिनाई का ? काहें बूझीं पहाड़-राई का ? चाँद-सूरज में दोस्ती कइसे ? धंधा-पानी में ’भाई-भाई’ का ? सब इहाँ जी र…

Started by Saurabh Pandey

2 May 26, 2015
Reply by Saurabh Pandey

गजल

भोजपुरी गजल(07/05/2015) रूप अपन धूप में सुखाईं मत एने-ओने नजर भटकाईं मत। उछहल हियरा उछलबे करी बेशी ओकरा अब दबाईं मत। कबसे चकोर बा आँख गड़वले…

Started by Manan Kumar singh

0 May 7, 2015

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
Thursday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Apr 14

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service