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धर्म एक बस अग्नि धर्म है/जो आवे सो क्षार|आज पहली बार मैंने इस मंच पर भी अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप चर्चा करने का विचार किया है|वर्तमान समय में सनातन मूल्यों में स्खलन चरम पर है|वैदिक… Started by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' |
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Apr 10, 2012 Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' |
लंका दहन किसके द्वाराअयोध्या में जानकी घाट मंदिर के श्री वेदान्तीजी महाराज द्वारा सद्गुरु भवन,जयपुर में हनुमत कथा में दिए प्रवर्चन के अनुसार बजरंग बलि हनुमानजी … Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
0 | Mar 30, 2012 |
तुमको शत शत नमन मेरा ,सब के दुखड़े हरने वाले , तुमको शत शत नमन मेरा , तू हैं सब कुछ जानने वाला , नहीं देखता दर्द क्यों मेरा, सब के दुखड़े हरने वाले , तुमको शत शत… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Mar 29, 2012 |
सदस्य कार्यकारिणी ॐ भूर भुवः स्वः ||जैसे अंखियन नीर बिनु,जैसे धेनु क्षीर बिनु जैसे भोजन खीर बिनु,जैसे होली अबीर बिनु तैसे जीवन धीर बिनु || जैसे धरणी मेह बिनु ,जैसे मानव गेह… Started by rajesh kumari |
0 | Mar 14, 2012 |
चहल्लम शरीफ के मुबारक मौके पर नजर हजरत इमाम हुसैनसाक़ी भी है हुसैन के कौसर हुसैन का ! मोहताज है हर एक समंदर हुसैन का !! दोशे मुबरिका पे बिठाते थे खुद हुज़ूर ! रखते थे कितना ध्यान पयम्बर ह… Started by Hilal Badayuni |
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Jan 14, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
मै देता हूँ दुःख को बधाई |यह सच है कि दुःख में इंसान भगवान् को सच्चे मन से याद करता है इसीलिए द्रोपदी ने एक बार कृष्ण से अपने लिए दुःख का वरदान माँगा था ताकि हे कृष्… Started by Mukesh Kumar Saxena |
0 | Jan 5, 2012 |
अंतर्घटमहोदय यह लेख मेरे अपने ब्लॉग अंतर्घट पर प्रकाशित है. मगर क्योंकि एक तो यह लेख तथ्यपरक है और दूसरे यह लेख मेरे आगे के लेखों में भूमिका का क… Started by Mukesh Kumar Saxena |
0 | Jan 5, 2012 |
संत वाणी 1 ( श्री रामकृष्ण परमहंस )संत वाणी अवतार या अवतार के अंश को ईश्वरकोटि कहते हैं और साधारण लोगों को जीवकोटि ! जो जीवकोटि के हैं, वे साधनाएँ करके ईश्वर का लाभ प्राप्त… Started by Rash Bihari Ravi |
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Sep 15, 2011 Reply by Saurabh Pandey |
विनय करूँ प्रभु श्री गणेश जी ! ..संजीव 'सलिल'ॐ गणेश भजन : --संजीव 'सलिल विनय करूँ प्रभु श्री गणेश जी! विघ्न करो सब दूर हमारे... * सत-शिव-सुन्दर हम रच पायें, निज वाणी से नित सच गायें. अ… Started by sanjiv verma 'salil' |
0 | Sep 2, 2011 |
प्रभु नीलकंठ त्रिनेत्र धारी आपको प्रणाम हैं ,प्रभु नीलकंठ त्रिनेत्र धारी आपको प्रणाम हैं , रक्षा कर संघार कर जो कर ये तेरा काम हैं , प्रभु ... सबको अमृत देने वाले विष लेते आप ही , झोप… Started by Rash Bihari Ravi |
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Sep 1, 2011 Reply by Rash Bihari Ravi |
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