For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

alka tiwari
  • Female
Share on Facebook MySpace

Alka tiwari's Friends

  • Abhay Kant Jha Deepraaj
  • mohsin khan
  • Rector Kathuria
  • Arvind Chaudhari
  • Aparna Bhatnagar
  • Pooja Singh
  • Dr Nutan
  • Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह
  • Harsh Vardhan Harsh
  • jagdishtapish
  • आशीष यादव
  • Manoj Kumar Jha
  • Pankaj Trivedi
  • asha pandey ojha
  • Krishna Kant Pandey

alka tiwari's Groups

 

alka tiwari's Page

Profile Information

City State
Delhi
Native Place
Azamgarh(U.P)
Profession
lawyer
About me
As you think.

Alka tiwari's Blog

विश्वास

विश्वास
ढके शब्दों में नंगे हमाम पर लिखेंगे ,
समय थम कर पढ़ेगा इतना प्राणवान लिखेंगे,
हमने जब ठाना तो तस्वीर का रुख बदलकर माना,
हम सोच का एक स्रोत है, जब भी निकले अपनी जगह बना के माना
कुछ इतना खास कर गुजरेंगे ,
जब सचे-सच्चे अहसास शब्दों में ढालेंगे ,
हम वो जड़ है, जब चाहा तभी जड़ हुए ,जब चाहा जड़ कर दिया
बंद शब्दों में खुले आसमान पर लिखेंगे.
अलका तिवारी

Posted on November 4, 2010 at 2:01pm — 5 Comments

कविता

अन्तर्ध्वन्द

अमर प्रेम के अंकुर को ,
संकोच और अनजानी धूप ने,
यूँ झुलसाया,
पतझड़ आने को बौराया है,
मन बसंत में उलझा है,
उम्र ढलने को आई,
मन यौवन में अटका है,
संस्कार,मर्यादा,मान,परिधि,
सब पीछे छूटा,
मन विकल हो भागा,
रिश्ते नातों के फंदों से,
बुन गया यौवन सारा,
जब सबसे मुक्त हुआ,
मन बंधने को भागा........

अलका तिवारी

Posted on September 23, 2010 at 11:00am — 3 Comments

कविता

अधीरता

व्यग्र हो अधीर हो,कौतुक हो जिज्ञाशु हो ,
जोड़ ले पैमाना उत्थान का,
घटा ले पैमाना पतन का,
हुआ वही जो होना था,
होगा वही जो तय होगा,
परिणिति शास्वत विनिश्चित है ,
ईश्वरीय परिधि में,
मानवीय स्वाभाव न बदला है,न बदलेगा,
होगा वही जो होना है, शाश्वत युगों से.

....अलका तिवारी

Posted on September 16, 2010 at 3:35pm — 7 Comments

रंगीन आतंकवाद

रंगीन आतंकवाद





'जननी जन्म भूमिष्च स्वर्गादपि गरीयसि' कि भावना से ओत-प्रोत एक युवा, सन्यासी,स्वामी विवेकानंद ने शिकागो कि धरती पर विश्व धर्म सम्मेल्लन में अपने व्याख्यान का प्रारंभ "DEAR SISTER AND DEAR BROTHER ...." से करके पूरी दुनिया में विश्व बंधुत्व के भाव से हिंदुस्तान का परचम लहराने वालI सन्यासी उस समय अपने भगवा वस्त्र में हिदुस्तान का मुकुट बना चमक रहा था,जिसे याद करके आज भी करोनो युवा उत्साह और स्फूर्ति व् नए उमंग से भर जाते हैं. उस सन्यासी, युवा को क्या पता था कि आगामी… Continue

Posted on September 1, 2010 at 5:42pm — 3 Comments

Comment Wall (8 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:38am on July 15, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

At 9:38am on November 4, 2010, Admin said…
इन्तजार के उपरांत आपकी कविता "अजोर क अगोर" प्रबंधन स्तर से भोजपुरी साहित्य ग्रुप मे पोस्ट कर दी गई है | आप नीचे दिये लिंक पर देख सकती है |
http://www.openbooksonline.com/group/bhojpuri_sahitya/forum/topics/5170231:Topic:31082
At 10:22pm on October 30, 2010, Admin said…
आदरणीया अलका तिवारी जी,
सादर अभिवादन,
आपका एक ब्लॉग "अजोर क अगोर" अनुमोदन हेतु प्राप्त हुआ है जो भोजपुरी रचना है, भोजपुरी रचना के लिये OBO पर एक अलग ही "भोजपुरी साहित्य" ग्रुप बनाया गया है, इसे कृपया उक्त ग्रुप मे पोस्ट कर दे, सुविधा हेतु ग्रुप का लिंक नीचे दे रहा हूँ |
http://www.openbooksonline.com/group/bhojpuri_sahitya
धन्यवाद,
आपका
एडमिन
OBO
At 11:40pm on August 17, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 4:25pm on August 14, 2010, ABHISHEK TIWARI said…
welcome in the family of open books online ,we r thanks full be a part of this
At 11:53am on August 13, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 10:01pm on August 12, 2010, Admin said…

At 10:01pm on August 12, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
18 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service