For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

LOON KARAN CHHAJER
  • Male
  • Bikaner (rajasthan)
  • India
Share on Facebook MySpace

LOON KARAN CHHAJER's Friends

  • annapurna bajpai
  • वेदिका
  • Sarita Bhatia
  • कुमार गौरव अजीतेन्दु
  • Dr.Prachi Singh
  • लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
  • MAHIMA SHREE
  • rajesh kumari
  • Gyanendra Dutt Bajpai
  • Rohit Singh Rajput
  • आशीष यादव

LOON KARAN CHHAJER's Groups

LOON KARAN CHHAJER's Discussions

भारत में कब तक फटते रहेंगे बम

इस तरह से सिलसिलेवार बम फटते रहें और हम हाथ पर हाथ धरे बठे रहें यह तो हिजडापन होगा.दो दिन के लिए भारत को सेना के हवाले कर दो सब कुछ हमेशा के लिए ठीक हो जायेगा.हादसे हमारे देश में होते हैं मरते हमारे…Continue

Started Jul 16, 2011

 

LOON KARAN CHHAJER's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Bikaner
Native Place
gangashahar
Profession
journalist
About me
friendship nature

LOON KARAN CHHAJER's Photos

  • Add Photos
  • View All

LOON KARAN CHHAJER's Blog

ओ मेरे पिता



देखा है मेने अपने पिता को, अपने कंधो पर मेरी स्कुल बैग टांगे,

जीवन के बोझ को बड़ी मुस्कराहट के साथ निभाते, ।

हमेशा जिसने अपने दर्द से दुनिया के दर्द को बड़ा माना

लड़ता रहा वो मजबूरो और असाहायों के लिए

सारे ग्रहों की परिभाषाओ को निष्फल होते देखा है

मेने  अपने पिता के आगे,

आज मुझ को घमंड है की  तुम हो मेरे पिता

हां जिसने मुझको दिया है अपने खून का एक कण

जो आज एक वजूद बनकर खड़ा है इसी दुनिया के लिए कुछ करने को

हां मुझको गर्व है की तुम मेरे पिता…

Continue

Posted on December 9, 2011 at 5:30pm

माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई

पंचतारा होटलों की शानशौकत कुछ न भाई

बैरा निगोड़ा पूछ जाता किया जो मैंने कहा

सलाम झुक-झुक करके मन में टिप का लालच रहा

खाक छानी होटलों की चाहिए जो ना मिला

क्रोध में हो स्नेह किसका? कल्पना से दिल…

Continue

Posted on November 24, 2011 at 6:00pm — 2 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:46pm on March 22, 2013, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

आदरणीय श्री लूणकरण छाज्जर जी, आपकी मित्रता स्वीकार करते हुए मुझे बेहद ख़ुशी है | यह जानकार 

और भी ख़ुशी हुई कि आप जर्नलिस्ट है | अपने मेरी रचना पसंद कर थार एक्सप्रेस में प्रकाशन करने की 

अनुमति चाही है | यह मेरा सौभग्य है | कृपया थार एक्सप्रेस में प्रकाशन के बाद एक प्रति अवलोकनार्थ  भिजवाने की कृपा करे -

पता -

लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला, 165, गंगोत्री नगर, गोपालपुर बाईपास, टोंक रोड, जयपुर (राज) 302018

At 7:12pm on June 28, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…
आदरणीय लून करन सर, आपने मेरी कविता को पसंद किया, आपका बहुत-बहुत आभार। मेरी अन्य कवितायोँ पर भी अपने विचार देँगे तो मुझे खुशी होगी।
At 8:20pm on February 15, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

श्री लून करन साहब जी मै सहर्ष अपनी कविता को थार एक्सप्रेस में छापने की स्वीकृति देता हूँ । बस मै इतना चाहंता हूँ की आप उसे मेरे फोटो सहित छापें और उसकी एक प्रति मुझे निम्न पते पर प्रेषित कर दें. और आपकी सूचनार्थ मेरा नाम मुकेश कुमार सक्सेना है न की भरत. 

  my postal address is as follows::-

SGT MUKESH KUMAR SAXENA 

MT  SECTION

AIR FORCE STATION SATWARI 

JAMMU (CANTT)  PIN 180003

At 1:39am on July 31, 2011, monika said…
At 12:43pm on July 21, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 6:24pm on July 16, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani commented on मिथिलेश वामनकर's blog post बालगीत : मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर बाल गीत। रिबन के विभिन्न रंगो के चमत्कार आपने बता दिए। बहुत खूब आदरणीय।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी, क्या ही खूब ग़ज़ल कही हैं। एक से बढ़कर एक अशआर हुए हैं। इस…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"मेरे कहे को मान देने के लिए आपका आभार।"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आशा है अवश्य ही शीर्षक पर विचार करेंगे आदरणीय उस्मानी जी।"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"गुत्थी आदरणीय मनन जी ही खोल पाएंगे।"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"धन्यवाद आदरणीय उस्मानी जी, अवश्य प्रयास करूंगा।"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"नमस्कार। प्रदत्त विषय पर एक महत्वपूर्ण समसामयिक आम अनुभव को बढ़िया लघुकथा के माध्यम से साझा करने…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"आदरणीया प्रतिभा जी आपने रचना के मूल भाव को खूब पकड़ा है। हार्दिक बधाई। फिर भी आदरणीय मनन जी से…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
"घर-आंगन रमा की यादें एक बार फिर जाग गई। कल राहुल का टिफिन बनाकर उसे कॉलेज के लिए भेजते हुए रमा को…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service