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दिल पे दस्तक जो दूँ तो बुला लिजिए
दूर रहने की अब ना सजा दिजिए
मेरे नयनो की आप रोशनी हो बनी
आप बिन कुछ ना देखूँ है खुद से ठनी
ज्योति को यूँ ना दृग से जुदा किजिए
दिल पे दस्तक .......
मद में ही मै भटकता रहा दर-बदर
रास आई तन्हाई मुझे इस कदर
इस तन्हाई को अपना पता दिजिए
दिल पे दस्तक .......
दिल में दर्दे हिज्र की अब तामीर हो रही
ख्वाब में आपके मेरा जिक्र भी नही
दश्ते-बेकसी से अब तो फना किजिए
दिल पे दस्तक…
Posted on May 19, 2016 at 11:30am — 8 Comments
ख्वाब!
क्या है ये?
एक पल में राजा बना देता है
और दूसरे ही पल ..............
ज्योतिषियों के लिए तो दूर दृष्टी है
और अनाडि़यों के लिए...
फ्री का सनिमा
मेहनतकश के लिए उसकी मंजिल
हमारे और आपके लिए ..........
कभी खुद भी सोच लिया करो!
ख्वाब के रंग कई रुपो में बिखरे हैं
बच्चे, बूढे, जवान
सभी अलग-अलग रुपो में
इसका दीदार करते हैं
कोई परियों के साथ खेलता है तो
किसी को अपना भविष्य नजर आता है
और किसी को उसके परिश्रम का परिणाम
ख्वाब की…
Posted on August 10, 2015 at 5:13pm — 6 Comments
डगर कठिन है
मंजिल से पहले पग रुकता है
फिर हौसलों के सहारे
एक-एक पग आगे बढता हूँ
गिरता हूँ, संभलता हूँ
क्या?
मंजिल भी
मेरे इस परिश्रम को देख रही होगी
क्या?
वह भी जश्न मनायेगी
मेरे वहाँ पहुँचने पर
कभी-कभी
ये उत्कण्ठा भी उत्पन्न हो जाती हैं
फिर विचार आता है!
मंजिल जश्न मनाये या ना मनाये
उसे पा तो लूँगा, उसे चुमूँगा
दुनिया को दिखाउँगा कि
इसी के लिए मैने अथक प्रयास किया है
और अनवरत ही चलता रहता हूँ
इक-इक पग बढाते…
Posted on March 19, 2015 at 7:20pm — 8 Comments
दोनो बचपन की सहेलियाँ शादी होने के बहुत दिनो बाद मिली थीं. सारे दुःख-दर्द बाँटे जा रहे थे.
"मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ जो उनके जाने के बाद मुझे रोहन जैसे पति का साथ मिला जो हरपल मेरा ख्याल रखता है." पहली सहेली के चेहरे पर मुस्कान थी।.
"एक पति मेरा है, आधी रात के बाद पी के आता है, और मार-पीट के सो जाता है, ये दारु उसे कहीं ले भी तो नही जाती.
दूसरी की आँखों से बरबस ही आँसू छलक पड़े!
"मौलिक व अप्रकाशित"
Posted on November 6, 2014 at 2:30pm — 24 Comments
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आपका ह्रदय से स्वागत, आदरणीय पवन जी. सादर!
Thanks for extending the hand of friendship, Pawan ji. May you flourish.
Vijay Nikore
पवन जी ..आपके मित्रों की सोची में शामिल होना मेरे लिए सुखद अहसास है ..सादर
पवन जी
आपका स्वागत i आप काव्य गोष्ठी में भी आये i मित्रता को अविस्मर्णीय बनाएं i सादर i