For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किशन कुमार "आजाद"
  • 34, Male
  • जयपुर ,राजस्थान
  • India
Share on Facebook MySpace

किशन कुमार "आजाद"'s Friends

  • pooja yadav
  • kalpna mishra bajpai
  • M Vijish kumar
  • sarika choudhary
  • vineeja
  • CHANDRA SHEKHAR PANDEY
  • केशव मोहन पाण्डेय
  • Anjini Rajpoot
  • coontee mukerji
  • Pawan Kumar
  • shashi purwar
  • वेदिका
  • Meena Pathak
  • Trilok  Singh Thakurela
  • Gul Sarika Thakur
 

किशन कुमार "आजाद"'s Page

किशन कुमार "आजाद"'s Photos

  • Add Photos
  • View All

Profile Information

Gender
Male
City State
जयपुर
Native Place
जयपुर
Profession
STUDENT
About me
Life is start now .....................

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!

किशन कुमार "आजाद"'s Blog

मुआवजा (लघु कथा)

"रमलू की घरवाली कौन हैं ? "

"साब मैं हूँ । "

"हम तेरे पति की मौत पर सरकार की तरफ से मुआवजा देने आये हैं, पढना जानती हैं ? "

"जी नही साब, अनपढ़ हूँ । "

"और कौन -कौन है घर में ? "

"साब मैं, 4 छोरिया 1 बेटो है। रमलू तो मर गयो । ये सारो बोझ मारे ऊपर छोड़ गयो । घर की हालत तो थे देख ही रया हो, खाने के लाले है। साब इतनी सर्दी में भी पहनने को कुछ नही ..." सिसकने लगती है ।

"चल ठीक है, रो मत ये......"

" इक मिनट " बात पूरी भी नही हुई थी की सहायक के कान मेँ वो…

Continue

Posted on November 22, 2014 at 8:30am — 8 Comments

ताना

"ममी बिस्कुट "22 महीने की उस बच्ची ने तुतलाती आवाज में कहा ।

माँ के बोलने से पहले ही दादी चीखी

" हाँ खिला न बिस्कुट यहा तो तेरे बाप ने पैसे रखे है । 3 बेटियाँ पैदा कर दी । अब तो जिन्दगी भर खिलाना ही है कुतिया कही की ...."

"माँजी गाली मत दो"

"अरे कलमुँही बकरी की तरह लडकियों की रेवड फेला दी और मुझसे जबान लड़ाती है । "

"बच्चे तो भगवान की देन है "

"तो उसी भगवन से इक बेटा क्यों न ले आई ।"

शाम को

"अरी ओ अभागन ! कमरे में मर गई क्या ? इन बकरियों की मेमे को तो बंद… Continue

Posted on October 29, 2014 at 6:30am — 6 Comments

खिलौना (लघुकथा)

'माँ क्या दूल्हा बाजार में बिकता है? जिसे दहेज देकर खरीदने के लिए तू पेसे जोड़ रही है ।'
' मगर बेटा में तो तेरे लिए ...'
'माँ मुझे पति चाहिए कोई दहेज लेकर बिका हुआ खिलौना नही ।'


मोलिक व अप्रकाशित
किशन 21-10-14

Posted on October 20, 2014 at 10:50pm — 3 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post ठहरा यह जीवन
"आदरणीय अशोक भाईजी,आपकी गीत-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ  एक एकाकी-जीवन का बहुत ही मार्मिक…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. रवि जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"स्वागत है आ. रवि जी "
8 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश जी जुलाई में इंदौर आ रहा हूँ मिलत है फिर ।  "
11 hours ago
Ravi Shukla commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"      आदरणीय अजय जी ग़ज़ल के प्रयास केलिये आपको बधाई देता हूँ । ऐसा प्रतीत हो रहा है…"
11 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरीणीय नीलेश जी तरही मिसरे पर मुशाइरे के बाद एक और गजल क साथ उपस्थिति पर आपको बहुत बहुत मुबारक बाद…"
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"सोलह गाफ की मात्रिक बहर में निबद्ध आपकी प्रस्तुति के कई शेर अच्छे हुए हैं, आदरणीय अजय अजेय जी.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. अजय जी,क़ाफ़िया उन्मत्त तो सुना था उन्मत्ते पहली बार देखा...तत्ते का भी अर्थ मुझे नहीं पता..उतना…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)

लोग हुए उन्मत्ते हैं बिना आग ही तत्ते हैंगड्डी में सब सत्ते हैं बड़े अनोखे पत्ते हैंउतना तो सामान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"क्या अंदाज है ! क्या मिजाज हैं ! आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय नीलेश…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service