Added by रमेश कुमार चौहान on January 16, 2014 at 9:54pm — 9 Comments
दिल पर रख कर हाथ तुम, कर लो कुछ विचार ।
देश धर्म के रक्षण पर, करते निज उपकार ।।
समय अभाव सभी कहे, समय साथ ना कोय ।
साथ समय का जो चले, निर्धनता ना होय ।।
समय बहुमूल्य रत्न है, मिले सदा बेमोल ।
पर्स रखे जो वक्त को, मगन रहे दिल खोल ।।
हल्ला भ्रष्टाचार का, करते हैं सब कोय ।
जो बदलें निज आचरण, हल्ला कैसे होय ।।
घुसखोरी के तेज से, तड़प रहे सब लोग ।
रक्तबीज के रक्त ये, मिटे कहां मन लोभ ।।
मिट रहा अपनापन अब, नही बचा चितचोर…
Added by रमेश कुमार चौहान on January 16, 2014 at 9:04am — 13 Comments
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