बाद ए सबा
पूछा जो किसी ने बावरी बाद ए सबा से
उफ़्ताँ व खेज़ाँ है तू ए बावली हवा
टकराई है तू बारहा बेरहम दीवारों से
खटखटाए हैं कितने बंद दरवाज़े भी तूने
आज बता तो ज़रा तेरी मंज़िल कहाँ है…
ContinueAdded by vijay nikore on January 9, 2019 at 1:05pm — 4 Comments
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