सरस्वती वंदना (उल्लाला छंद पर आधारित )
हे माँ श्वेता शारदे , विद्या का उपहार दे
श्रद्धानत हूँ प्यार दे , मति नभ को विस्तार दे
तू विद्या की खान है ,जीवन का अभिमान है
भाषा का सम्मान है ,ज्योतिर्मय वरदान है
नव शब्दों को रूप दे ,सदा ज्ञान की धूप दे
हे माँ श्वेता शारदे ,विद्या का उपहार दे
कमलं पुष्प विराजती ,धवलं वस्त्रं शोभती
वीणा कर में साजती ,धुन आलौकिक…
ContinueAdded by rajesh kumari on February 28, 2014 at 3:54pm — 13 Comments
२१२२ २१२२ २१२२ २१२
बारहा सजदा करेंगे खुश खुदाया हो न हो
इस अकीदत का कभी एजाज़ पाया हो न हो
जान रख दें उस ख़ुदा के सामने तेरे लिए
सर किसी के सामने हमने झुकाया हो न हो
सींचते उसकी जड़ों को आज भी हम प्यार से
वक़्त हमने छाँव में उसकी बिताया हो न हो
याद में उसकी हमेशा हम लिखेंगे हर ग़ज़ल
हम भुला सकते नहीं उसने भुलाया हो न हो
काश जलकर हम उजाला कर सकें उसके लिए
दीप उसने आज घर अपने…
ContinueAdded by rajesh kumari on February 22, 2014 at 7:30pm — 16 Comments
ढांचा सुधरे देश का ,सुदृढ़ हो आकार
खुशियाँ बसती हैं जहां ,छोटा हो परिवार
छोटा हो परिवार ,प्रेम से आँगन महके
पुत्री हो या पुत्र ,नीड़ में खुशियाँ चहके
बूढों का सम्मान ,भरे जीवन का सांचा
हो जाए उत्थान , देश का सुधरे ढांचा
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(२)|
पहले दो टुकड़े हुए ,और हुए फिर चार
टूक-टूक रोटी बटे,बढ़े अगर परिवार
बढ़े अगर परिवार, लड़ाई गुत्थम गुत्थी
खिचे बीच दीवार, रोज की माथापच्ची
रिश्तों बीच…
ContinueAdded by rajesh kumari on February 6, 2014 at 11:00am — 16 Comments
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