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था नाम दिल पे नक़्श मिटाया नहीं गया
मुझसे तुम्हारा प्यार भुलाया नहीं गया
कल को सँवारने में गई बीत ज़िन्दगी
जो सामने था लुत्फ़ उठाया नहीं गया
कोशिश बहुत की, राज़-ए- मुहब्बत अयाँ न हो
अल्फ़ाज़ से मगर ये छिपाया नहीं गया
बीवी बहन बहू न मिलेगी कोई तुम्हें
बेटी को कोख़ में जो बचाया नहीं गया
मंदिर में जाके भोज …
ContinueAdded by नाथ सोनांचली on March 30, 2021 at 5:30pm — 3 Comments
रहते यारों संग थे, मस्ती में हम डूब
बचपन में होता रहा, गप्प सड़ाका खूब
गप्प सड़ाका खूब, नहीं चिंता थी कल की
आह! मगर वह नाथ' ज़िन्दगी थी दो पल की
आया अब यह दौर, जवानी जिसको कहते
अपने में ही मस्त, जहाँ हम सब हैं रहते
ऑफिस में गप मारना, बहुत बुरी है बात
देख लिया यदि बॉस ने, बिगड़ेंगे हालात
बिगड़ेंगे हालात, मिले टेंशन पर टेंशन
घट जाए सम्मान, कटे वेतन औ' पेंशन
भभके उल्टी आग, बन्द थी जो माचिस में
हर…
Added by नाथ सोनांचली on March 15, 2021 at 5:16am — 4 Comments
किसे सुनाऊँ अपनी पीड़ा, किसको मैं समझाऊँ
सब पत्थर के देव यहाँ हैं, किस से सर टकराऊँ
युग कोई भी यहाँ रहा हो, सबने हमें ठगा है
माँ ममता की मूरत कहकर, देता रहा दगा है
कल जैसी ही आज हमारी, वैसी भाग्य निशानी
जुड़ी उसी से सुन लो यारा, अपनी एक कहानी
शादी के दस साल हुए थे, पर ना गोद भरी थी
बाँझ न रह जाऊँ जीवन भर, इससे बहुत डरी थी
देख किसी बच्चे को सोचूँ, झट से गले लगा लूँ
छाती का मैं दूध पिलाकर, अपनी …
Added by नाथ सोनांचली on March 7, 2021 at 8:14pm — 6 Comments
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