212 1222
1
ज़ार ज़ार रोते हैं
जब वो होश ख़ोते हैं
2
ख़्वान ए इश्क वाले ही
तो फ़कीर होते हैं
3
लोग क्यों अदावत में
हाथ खूँ से धोते हैं
4
डोरी में वो सांसों की
आरज़ू पिरोते हैं
5
चाहतों की गठरी सब
उम्र भर सँजोते हैं
6
क्यों अज़ीज़ अपने ही
अश्कों में डुबोते हैं
7
ख़्वाब देखने वाले
रात भर न सोते हैं
मौलिक व अप्रकाशित
रचना…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 30, 2021 at 8:30pm — 2 Comments
मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
1212 1122 1212 22
1
जो सह के ज़ुल्म हज़ारों भी उफ़ किया न करे
दुआ करो कि उसे ग़म कोई मिला न करे
2
मुझे बहार की रंगीनियाँ मिलें न मिलें
मगर ख़िज़ा ही रहे उम्र भर ख़ुदा न करे
3
मुझे वो बज़्म में चाहे मिले नहीं खुल कर
मगर मज़ाक में भी ग़ैर तो कहा न करे
4
मैं ज़र्द पत्ते सा घबरा के काँप जाता हूँ
कहे हवा से कोई तेज़ वो चला न करे
5
नशा किसी प महब्बत…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 21, 2021 at 8:30am — 7 Comments
16,11 मात्रा अंत मे गुरु लघु
1
ले राधा जैसी चंचलता, कृष्णा जैसा प्यार।
बरसाने में खेली जाए,होरी भी लठमार।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
2
कृष्ण गए थे हँसी ठिठोली, करने राधा…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 19, 2021 at 3:00pm — 5 Comments
221--1221--1221--122
1
कैसे न सनम मचलें'गे जज़्बात हमारे
महफ़िल में अगर गाएंगे नग़्मात हमारे
2
दुनिया का वतीरा भी निभा सकते हैं लेकिन
इन सबसे अलहदा हैं ख़यालात हमारे
3
ईमान की बाज़ार में कीमत नहीं कुछ भी
किस तर्ह से फिर सुधरेंगे हालात हमारे
4
जल जल के बुझी जाती है उम्मीदों की शम्मा
दम तोड़ते हैं साथ सवालात हमारे
5
माज़ी को सिरहाने तले रख सोचते हैं हम
क्यों एक से रहते नहीं दिन रात…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 13, 2021 at 9:00am — 8 Comments
221 2122 221 2122
1
दरिया है आँसुओं का कूचे में बेवफ़ा के
जाना वहाँ से यारा दामन ज़रा बचा के
2
इक बात ये बता दे मेरे हसीन क़ातिल
लेता है जान कैसे तू यार मुस्कुरा के
3
पूछेगी इक न इक दिन तुमसे भी ज़िन्दगानी
हासिल हुआ तुम्हें क्या ईमान को गँवा के
4
उल्फ़त की वादियों से रूठे रहेंगे कब तक
देखें तो आप इक दिन दिल इनसे भी लगा के
5
पूछा है आसमाँ से कल रात छत पे आ कर
जीता है किस तरह वो…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 10, 2021 at 1:30pm — 12 Comments
221 2121 1221 212
1
हमसे शगुफ़्तगी की तमन्ना करे कोई
अब और दर्द देने न आया करे कोई
2
आकर क़रीब इश्क़ जताया करे कोई
सच्चा नहीं तो झूठा ही वादा करे कोई…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on March 2, 2021 at 7:08pm — 14 Comments
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