For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

April 2013 Blog Posts (245)

ओ बी ओ - शुभकामनाएं

ओबीओ का आज यह, दिवस बहुत है खास,
वर्षगांठ है तीसरी, सफल रहा प्रयास,

सफल रहा प्रयास, बना प्रीत संग धागा,

हमें मिला यह मंच, हमरा…

Continue

Added by अरुन 'अनन्त' on April 1, 2013 at 1:00pm — 16 Comments


सदस्य टीम प्रबंधन
आज का दिन पावन है .. .

ओबीओ  परिवार सम,  शारद  के  सब भक्त 

’सीख-सिखाना’-अर्चना, भाव गहन हों व्यक्त

भाव गहन हों व्यक्त, आज का दिन पावन है

नदिया  धारे   धार,   जिये  नित  परिवर्तन है…

Continue

Added by Saurabh Pandey on April 1, 2013 at 10:30am — 33 Comments

शुभकामनाएं.

बीते इसके साथ में, माह दिवस अरु साल,

छंद ‘चित्र से काव्य तक’, लगता बहुत कमाल,

लगता बहुत कमाल, गजब के छंद सुनाता,

छ्न्दोत्सव आगाज, महोत्सव सबको भाता,…

Continue

Added by Ashok Kumar Raktale on April 1, 2013 at 8:08am — 13 Comments

काम काजी महिलाएं और पूजा का कार्यक्रम !

अभी हाल में मुझे एक उच्च मध्यम वर्ग के यहाँ पूजा (सत्य नारायण भगवान की पूजा) में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ! बड़े अच्छे ढंग से तैयारियां की गयी थी. सफाई सुथराई का भी पूरा पूरा ख्याल रखा गया था. उम्मीद यह थी कि पूजा में बैठने वाले यजमान और उनकी श्रीमती बिना कुछ खाए पूजा में बैठेगें ... पर यह क्या ? सुनने में आया कि सत्यनारायण भगवान की कथा में यह बाध्यता नहीं है. फिर क्या, सभी लोगों ने जमकर इडली और बड़े खाए पंडित जी भी सहभागी बने. उसके बाद पूजा के क्रिया-कलाप प्रारंभ हुए. पंडित जी को कहा गया…

Continue

Added by JAWAHAR LAL SINGH on April 1, 2013 at 6:04am — 22 Comments


सदस्य कार्यकारिणी
उद्गार

लब पे ये मुस्कान जैसे चंद्रमा हो,

तारक खचित अम्बर में तुम अनुपमा हो –

विश्व के सुकुमार पलकों पर सुभगे,

स्वप्नवत तुम मधुर कोई कल्पना हो.

*****

जागो जगाओ विश्व को दो निज आलोक,

कलुष भेद तम दूर हटें जागे त्रिलोक,

बाहु में शक्ति, हृदय में भक्ति लिए सुकुमारी,

निर्भीक बढ़ो जीवन पथ पर बेरोक-टोक.

****

माटी का कण तृण गंध तुम्हारे साथ है,

उन्मुक्त समीरण मंद तुम्हारे साथ है,

जीवन उपवन में खिली हुई ऐ नवल कलि,

रोम-रोम में रग-रग में भगवान…

Continue

Added by sharadindu mukerji on April 1, 2013 at 1:30am — 11 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

1970

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service