212---212---212---212 |
|
तीरगी सा मैं पसरा रहा रात भर |
दीप मन का भी जलता रहा रात भर |
|
पा पटक के गया आज पंछी कोई… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 19, 2015 at 10:30am — 15 Comments
22-22-22-22-22-2 जो रह-रहकर इस सीने में उठता है |
तेरा मेरा दर्द पुराना किस्सा है |
|
उनकी आँखों से उतरे हर आँसू से |
ग़ज़लों को भी गीला होते देखा है… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 15, 2015 at 10:30am — 17 Comments
212---1222---212---1222 |
|
झूठ भी नहीं कहते, सत्य भी नहीं कहते |
दो नयन तुम्हारे पर, मौन भी नहीं रहते |
|
प्रीत का कहो कैसे, आप सुख उठाएंगे… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 12, 2015 at 10:30am — 14 Comments
22—22—22—22—22—2 |
|
पलकों से हर लफ्ज़ सजाना पड़ता है |
आँसू पीकर गीत बनाना पड़ता है |
|
मंहगाई में झूठा रौब जताने को… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 9, 2015 at 1:30am — 16 Comments
21122---21122---2112 |
|
हाय मिली क्या खूब शराफत, तुम भी न बस |
बात करो, हर बात शरारत, तुम भी न बस |
|
हम को सताने यार गज़ब तरकीब चुनी … |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 7, 2015 at 12:56am — 31 Comments
22—22—22—---22—22--22 |
|
मीलों पीछे सच्चाई को छोड़ गया हूँ |
हत्थे चढ़ जाने के भय से रोज दबा हूँ |
|
दीवारों पर अरमानों के ख़्वाब टंगे हैं… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 5, 2015 at 7:30pm — 37 Comments
22-22--22-22--22-22—2 |
|
तुम बिन सूने-सूने लगते जीवन-वीवन सब |
साँसें-वाँसें, खुशबू-वुशबू, धड़कन-वड़कन सब |
|
आज सियासत ने धोके से, अपने बाँटें… |
Added by मिथिलेश वामनकर on April 2, 2015 at 11:00pm — 38 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |